Muzaffarnagar से बड़ी खबर सामने आई है जहां जिला प्रशासन ने वर्षा ऋतु से पहले संभावित बाढ़ की स्थिति को लेकर पूरी तरह से कमर कस ली है। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में बाढ़ स्टेयरिंग ग्रुप की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले के तमाम आला अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में साफ शब्दों में कहा गया कि इस बार किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
💼 चप्पे-चप्पे पर नज़र, अधिकारी फील्ड में उतरेंगे
DM उमेश मिश्रा ने निर्देश जारी किए कि जनपद की चारों तहसीलों के उप जिलाधिकारी अब खुद मैदान में उतरेंगे और अपनी-अपनी तहसीलों में बाढ़ से जुड़ी सभी तैयारियों का निरीक्षण करेंगे। यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं होगा, बल्कि हर नाले, हर बंधे और हर चौकी का भौतिक सत्यापन अनिवार्य होगा।
🧹 नालों की सफाई से लेकर दवाओं की उपलब्धता तक, हर बिंदु पर चर्चा
बैठक में नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए। अधिकारियों को कहा गया कि नालों व नालियों की सफाई समय से पूरी होनी चाहिए ताकि बारिश में जलजमाव से मुसीबत ना खड़ी हो।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया गया कि बाढ़ के दौरान जलजनित और संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए जीवन रक्षक दवाओं की भरपूर व्यवस्था पहले से ही सुनिश्चित की जाए।
🛶 नाव, गोताखोर और पंपिंग सेट्स की लिस्ट तैयार
अपर जिलाधिकारी गजेन्द्र कुमार ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी उप जिलाधिकारी अपने क्षेत्रों में नाव-नाविकों की सूची तैयार करें, साथ ही अस्थायी पंपिंग सेट्स का स्टॉक और उसकी कार्यक्षमता की समीक्षा की जाए।
बचाव दलों की तैनाती, गोताखोरों की उपलब्धता और NDRF की मदद से ड्रिल की योजना भी बनाई जा रही है ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके।
🐄 पशुओं के लिए भी राहत योजना
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र गुप्ता को विशेष जिम्मेदारी दी गई कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मवेशियों के लिए भी सुरक्षित व्यवस्था होनी चाहिए। टीकाकरण, चारा और सुरक्षित आश्रय स्थलों की व्यवस्था समय रहते कर ली जाए।
🧒🏻 स्कूलों में आपदा शिक्षा का अभियान
बाढ़, भूकंप और आग जैसी आपदाओं से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है कि वे स्कूलों में जाकर छात्रों को आपदा के समय क्या करें और क्या न करें, इसकी जानकारी दें।
🚨 अधिकारियों की लंबी फेहरिस्त, हर विभाग को सौंपी गई जिम्मेदारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में तहसीलदार जानसठ सतीश बधेल, तहसीलदार खतौली श्रद्धा गुप्ता, मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनुराग कुमार, NDRF की इंस्पेक्टर रश्मि, परिवहन अधिकारी इरशाद अली, सहायक श्रमायुक्त देवेश सिंह, नगर शिक्षा अधिकारी अमरवीर सिंह, जिला युवा कल्याण अधिकारी विशाल कुमार, राहत सहायक नासिर हुसैन और मास्टर ट्रेनर विवेक गोयल सहित तमाम महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद रहे।
🛤️ लोक निर्माण विभाग को दी गई विशेष प्राथमिकता
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि संभावित बाढ़ क्षेत्रों की सड़कों की मरम्मत और समीक्षा तत्काल प्राथमिकता पर की जाए। यदि कोई मार्ग जलमग्न होता है, तो वैकल्पिक रास्तों की योजना भी तैयार रखी जाए।
🔎 विस्तार से जानें – जिले की बाढ़ रणनीति
-
ड्रेनेज विभाग: सभी नालों की GPS मैपिंग की जा रही है ताकि किसी भी अवरुद्ध स्थान की त्वरित जानकारी मिल सके।
-
NDRF टीम: रैपिड एक्शन के लिए 24×7 स्टैंडबाय मोड में रहेगी।
-
गांव स्तर पर: ग्राम प्रधानों को निर्देशित किया गया कि वे अपने गांवों में बाढ़ चौकियों की स्थिति की निगरानी रखें।
-
SDRF और सिविल डिफेंस: मॉक ड्रिल और जनजागरूकता अभियान चलाने की योजना पर काम कर रहे हैं।
🛑 जिले की 10 संवेदनशील बाढ़ संभावित क्षेत्र घोषित
-
बुढाना क्षेत्र
-
खतौली
-
जानसठ
-
बघरा
-
पुरकाजी
-
चरथावल
-
मीरापुर
-
रोहाना
-
रामराज
-
हरिद्वार बॉर्डर से सटे इलाके
इन क्षेत्रों में विशेष निगरानी के लिए चौकियां बनाई जा रही हैं, वहीं राहत सामग्री के भंडारण केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं।
📢 क्या है अगला कदम?
जिलाधिकारी ने साफ कर दिया है कि किसी भी स्थिति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बाढ़ की आपात स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक “वॉर रूम” की स्थापना की जा रही है, जो 24 घंटे कार्य करेगा। इसके अलावा एक टोल फ्री नंबर भी जल्द जारी किया जाएगा, जहां नागरिक किसी भी आपदा से जुड़ी जानकारी साझा कर सकेंगे।
Muzaffarnagar अब पूरी तरह अलर्ट पर है!
बाढ़ से पहले जो तैयारियां चल रही हैं, वह दर्शाती हैं कि जिला प्रशासन इस बार कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। आने वाले मानसून में यदि कोई आपदा आती है, तो मुजफ्फरनगर पहले से तैयार होगा – यही है प्रशासन का संदेश!