Muzaffarnagar। बारिश की फुहारें जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत देती हैं, वहीं कभी-कभी यही पानी किसी परिवार की खुशियों को डुबो देता है। कुछ ऐसा ही हृदयविदारक मामला सामने आया उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के शेर नगर गांव में। लगातार हो रही तेज बारिश के चलते जहां गलियां पानी से लबालब हो गई थीं, वहीं खेलते-खेलते एक मासूम बच्चा फिसल कर नाले में जा गिरा और उसके बाद सीधे बहता हुआ एक गहरे तालाब में समा गया।
सुबह-सवेरे खेलते हुए हुआ हादसा, लापता बच्चे की उम्र सिर्फ 3 साल
यह दर्दनाक घटना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के शेर नगर गांव में शुक्रवार सुबह उस समय घटी जब गांव के कुछ बच्चे बारिश के पानी में नहा रहे थे। लविश पुत्र राहुल, जिसकी उम्र महज 3 साल है, अन्य बच्चों के साथ गली में पानी के बीच खेल रहा था। तभी अचानक उसका पैर फिसल गया और वह पास की नाली में जा गिरा। पानी का तेज बहाव उसे खींचता हुआ पास ही के गहरे तालाब तक ले गया। ग्रामीणों ने जब तक कुछ समझा, तब तक वह आंखों से ओझल हो चुका था।
चीख-पुकार और मातम से गूंज उठा शेर नगर
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल, ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा
घटना की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। लविश के परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उसकी मां बेसुध होकर गिर पड़ी, जबकि दादा व अन्य परिजन रो-रो कर प्रशासन से मदद की गुहार लगाने लगे। देखते ही देखते सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए।
पुलिस, दमकल और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे गोताखोर, तालाब को खंगालने में जुटी मशीनें
घटना की सूचना मिलते ही यूपी 112, स्थानीय पुलिस, दमकल विभाग, और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। भारी बारिश और दलदल जैसी स्थिति के बावजूद रेस्क्यू ऑपरेशन बिना रुके चलता रहा। गोताखोरों की टीम को तालाब में उतारा गया और मशीनों से भी पानी को खंगाला जाने लगा।
फिलहाल लविश का कुछ भी पता नहीं, परिजन उम्मीद छोड़ने को नहीं तैयार
ग्राम प्रधान पति इकराम ने दी जानकारी, प्रशासन ने दिए हरसंभव मदद के संकेत
ग्राम प्रधान पति मोहम्मद इकराम ने बताया, “सुबह से लगातार प्रशासन की टीमें काम कर रही हैं। तालाब में पानी काफी गहरा है, लेकिन गोताखोरों के साथ मशीनें भी जुटी हैं।”
वहीं, लविश के दादा ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा किसी भी हालत में हमें सौंपा जाए। सरकार से मदद की दरकार है।”
रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे दमकल अधिकारी आरके सिंह ने कहा,
“हमें सुबह-सुबह सूचना मिली थी कि एक बच्चा तालाब में गिर गया है। मौके पर पहुंचते ही हमने गोताखोरों को बुलाया और पूरे दल के साथ सघन अभियान शुरू किया। लेकिन भारी बारिश और तालाब की स्थिति के कारण अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।”
मुजफ्फरनगर में लगातार हो रही बारिश बन रही हादसों की वजह
पिछले एक हफ्ते में बारिश के चलते कई हादसे
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बीते कुछ दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही है। कहीं पेड़ों के गिरने से सड़कें बंद हो गई हैं, तो कहीं घरों में पानी घुस आया है। ऐसे में खुले नाले, गहरे तालाब और पानी से भरे गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। शेर नगर की घटना तो मात्र एक बानगी है।
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही भी बनी कारण?
गांव में खुले नाले और बिना बैरिकेडिंग तालाब
स्थानीय लोगों का आरोप है कि गांव में ऐसे कई नाले और तालाब हैं, जिनके पास न तो कोई सुरक्षा घेरा है और न ही चेतावनी बोर्ड लगे हैं। बारिश के मौसम में जब पानी का बहाव तेज हो जाता है, तब ये खतरनाक साबित होते हैं। अगर पहले से वहां बैरिकेडिंग होती, तो शायद लविश जैसे कई बच्चों की जान बचाई जा सकती थी।
बच्चों को लेकर बरतें सावधानी: विशेषज्ञों की चेतावनी
बच्चों को अकेले न खेलने दें बारिश में
विशेषज्ञों और प्रशासन ने भी अपील की है कि बारिश के मौसम में बच्चों को अकेले घर से बाहर न निकलने दिया जाए, खासकर उन इलाकों में जहां पानी भर जाता है या नाले-तालाब पास हों। थोड़ी सी लापरवाही एक पूरे परिवार को गहरे अंधकार में धकेल सकती है।
लापरवाहियों पर कब लगेगी लगाम?
प्रशासन की जवाबदेही तय करना जरूरी
प्रशासन को चाहिए कि ऐसे हादसों के बाद सिर्फ रेस्क्यू में नहीं, बल्कि निवारक कदमों में भी तत्परता दिखाए। गांवों में खुले नालों को ढकना, तालाबों की घेराबंदी करना, और चेतावनी बोर्ड लगाना जरूरी हो गया है।
लविश की तलाश अभी भी जारी, पूरे गांव की निगाहें तालाब पर टिकीं
क्या ज़िंदगी की ये जंग लविश जीत पाएगा?
गांव वालों की दुआओं और प्रशासन की कोशिशों के बीच, मासूम लविश की तलाश अब भी जारी है। पूरा गांव तालाब के किनारे खड़ा है, आंखें हर लहर के साथ एक उम्मीद संजोती हैं कि शायद अगली ही घड़ी में वह बच्चा मिल जाए।
**शेर नगर के इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर से हमें चेताया है कि बारिश का आनंद तभी सुरक्षित होता है जब हम सतर्क रहें। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे इलाकों में जहां खतरा अधिक हो, पहले से जरूरी इंतज़ाम किए जाएं ताकि मासूम ज़िंदगियां यूं असमय मौत की गोद में न चली जाएं। मासूम लविश की सलामती के लिए पूरे गांव की दुआएं जारी हैं।**