Supervisor of juvenile home suspended video of girl's beating went viral

अधीक्षिका की क्रूरता: बालगृह में बच्ची को चप्पल से पीटा
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के राजकीय बालगृह (शिशु) के पर्यवेक्षक पद पर पूर्व में तैनात और अब गोरखपुर के राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) के पर्यवेक्षक विकास कुमार को बच्ची की चप्पल से पिटाई का वीडियो वायरल करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। आगरा में तैनाती के दौरान उनके मोबाइल पर सीसीटीवी कैमरे का वीडियो एक्सेस था, जिसे गोरखपुर ट्रांसफर होने के बाद भी जिला प्रोबेशन अधिकारी को नहीं दिया गया।

विकास कुमार के निलंबन में आरोप लगाया गया है कि अगर प्रोबेशन अधिकारी के मोबाइल पर यह सीसीटीवी एक्सेस होता तो पहले ही यह घटना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आ जाती। इसे सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के नियम 3 का उल्लंघन बताया गया है। निलंबन के दौरान विकास कुमार को लखनऊ मंडल से संबद्ध कर दिया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी अजय पाल सिंह का कहना है कि उन्होंने स्थानांतरण के बाद सीसीटीवी फुटेज का एक्सेस डीपीओ कार्यालय में नहीं दिया। उनके इस आचरण को कर्मचारी नियमावली विरुद्ध माना गया है।

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सच्चाई उजागर करने पर सस्पेंड तो कौन उठाएगा आवाज

राजकीय बालगृह (शिशु) में बच्चों को शोषण होता रहा।जिसने यह सच्चाई उजागर की, उसे निलंबित किया गया। इस तरह कौन बाल हित में आवाज उठाएगा। ये कहना है महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के समन्वयक नरेश पारस का। उन्होंने कहा कि वीडियो सामने नहीं आता तो शासन-प्रशासन को बालगृह में हो रहे अत्याचारों की सच्चाई कैसे पता चलती। इस मामले की शिकायत दर्ज कराने वाली आया और रसोइया के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर भी बाल अधिकार संगठनों में रोष है।

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