बिजली विभाग ने 1 अप्रैल से 30 नवंबर 2025 के बीच जिले में कार्रवाई करते हुए बिजली चोरी के 1538 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज कराई है। इस अवधि में विभाग ने कुल 9 करोड़ 12 लाख रुपये का जुर्माना बिजली चोरी करते पकड़े गए लोगों पर लगाया है। इसके बावजूद इन उपभोक्ताओं को बिजली बिल राहत योजना का लाभ नहीं दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ गई है। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकार अक्सर बकायेदारों और चोरी करते पकड़े गए लोगों के लिए राहत योजना लेकर आती है, लेकिन समय से बिल जमा करने वालों के लिए भी किसी प्रोत्साहन योजना की जरूरत है।
मुख्य अभियंता कपिल सिंधवानी ने बताया कि जिले में वायु विहार स्थित काकाजी पैलेस पर जून 2025 में बिजली चोरी का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उपभोक्ता सीमा देवी पर 16 लाख 10 हजार 173 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। वहीं हरी नगर, इनायतपुर (थाना इरादतनगर) के उपभोक्ता हाकिम सिंह पर 30 हजार 251 रुपये, और दिगनेर (थाना बरौली अहीर) निवासी जयवीर सिंह पर 40 हजार 590 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इसी तरह कुल 1538 उपभोक्ताओं पर कार्रवाई की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि राहत योजना में सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को शामिल किया जाना चाहिए था, ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।
उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार बिजली बिल राहत योजना केवल उन उपभोक्ताओं पर लागू की गई है, जिन पर 31 मार्च 2025 से पहले का बकाया है या जो बिजली चोरी करते पकड़े गए हैं। योजना के तहत 1 से 31 दिसंबर तक 100 प्रतिशत ब्याज माफी के साथ मूलधन में 25 प्रतिशत छूट दी जा रही है। 31 दिसंबर के बाद मूलधन पर दी जाने वाली छूट कम हो जाएगी।
