Youth are less interested in pharmacy.

प्रतीकात्मक तस्वीर

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उत्तर प्रदेश में कोविड काल के समाप्त होने के साथ ही फार्मेसी की पढ़ाई को लेकर युवाओं का क्रेज भी कम होने लगा है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) की ओर से आयोजित बीफार्मा की प्रवेश काउंसिलिंग में 31 हजार सीटों के सापेक्ष मात्र 3524 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इसमें से 2721 ने सीटों की च्वॉइस भरी है।

15 सितंबर से शुरू काउंसिलिंग में बीफार्मा के सरकारी और प्राइवेट के 400 से अधिक कॉलेजों की 31235 सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। हालांकि 22 सितंबर तक 3524 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराए थे। अब तीसरे चरण की काउंसिलिंग का मंगलवार को सीट एलॉटमेंट होगा, लेकिन अब मात्र 2721 ने ही सीट च्वॉइस भरी है। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन चिंता में हैं। वहीं सबसे ज्यादा दिक्कत प्राइवेट संस्थानों के लिए सीटें भरने की है।

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काउंसिल के सख्त नियम भी बने कारण

फार्मेसी काउंसिल की ओर से नियम भी सख्त किए गए हैं। अगर किसी विद्यार्थी ने दूसरे वर्ष तक पिछले बैक क्लियर नहीं किए तो वह तीसरे वर्ष में नहीं जा सकेगा। तीसरा वर्ष न क्लियर करने वाला फाइनल में नहीं जाएगा। पिछले दो सालों में काफी संख्या में कॉलेज तो खुल गए लेकिन विद्यार्थियों की संख्या नहीं बढ़ी। वहीं, एकेटीयू प्रशासन ने पिछले साल से कैंपस में बीफार्मा की पढ़ाई शुरू की है। इस बार यहां 100 सीटों के सापेक्ष काफी विद्यार्थियों ने प्रवेश वरीयता दी है। ऐसे में यहां की सीटें भर जाएंगी।



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