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झांसी। बुंदेलखंड विवि के कृषि संस्थान में चल रही प्रायोगिक परीक्षा में अवैध वसूली को लेकर शनिवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित छात्रों ने विवि के गेट पर जमकर नारेबाजी करते हुए कृषि विभाग के एक प्रोफेसर का पुतला फूंका। इसके साथ ही प्रोफेसर और बीयू प्रशासन के अफसरों पर तमाम आरोप लगाए। मामले में छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन भी सौंपा।

बुंदेलखंड विवि के कृषि संस्थान के एमएससी प्रथम वर्ष के छात्र शनिवार को सुबह विवि के मुख्य गेट पर इकट्ठा हुए। यहां छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए एक प्रोफेसर पर प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप लगाया। विद्यार्थियों ने कहा कि उन्होंने कुलपति से मामले की शिकायत पहले भी की थी, लेकिन बीयू प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। बीयू में लगातार गिरते जा रहे शिक्षा स्तर और शिक्षकों की मनमानी से विद्यार्थियों में बहुत आक्रोश है।

उन्होंने कहा कि फीस पहले ही इतनी अधिक है, उस पर भी विद्यार्थियों से प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है। यहां तक कि दो दिन पहले एक प्रोफेसर ने विद्यार्थियों पर दबाव बनाकर एक पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए। इसमें जबरन लिखवाया गया कि प्रायोगिक परीक्षा में किसी प्रकार का अवैध शुल्क नहीं वसूला गया। विद्यार्थियों ने यहां तक आरोप लगाया कि जिन विद्यार्थियों ने यह शुल्क नहीं दिया था, उनको प्रायोगिक परीक्षा में कम अंक दिए गए हैं। यदि कार्रवाई नहीं की गई तो विद्यार्थियों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

इस अवसर पर एबीवीपी के संगठन मंत्री ज्ञानेंद्र सिंह, इकाई अध्यक्ष विकास शर्मा, मनेंद्र सिंह गौर, शिवा राजे बुंदेला, शुभम विद्यार्थी, हर्ष शर्मा, निशेंद्र राजपूत, रोहन खरे, अंजली शिवहरे, मेघाली, अनिरुद्ध, सिद्धू भार्गव, हर्ष जैन, फिरोज रौनक, संदीप, नीरज, शिवेंद्र, अमित, अरुण, प्रभात, ठाकुर, आयुष्मान, संकल्प कुशवाहा, अनिल, जय पाठक, बृजेंद्र, योगेंद्र, मनीष, अनुराग, सौरभ चौरसिया, सौरभ अवस्थी, शुभम चतुर्वेदी, अभिनव, आश्रय जाट उपस्थित रहे। परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर ने बताया कि समिति बनाकर मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।



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