अब ब्राह्मणों की लीडरशिप नहीं है। अच्छी आबादी होने के बाद भी राजनीतिक भागीदारी कम होती जा रही है। लखनऊ में भोज पर इकट्ठा हुए प्रदेश भर के कई ब्राह्मण विधायकों की बैठक में इस सब बातों पर मंथन किया गया। बुंदेलखंड के भी विधायक और एमएलसी बैठक में शामिल हुए।
बैठक में विधायकों ने कहा कि पहले कलराज मिश्र जैसे समाज के बड़े नेताओं का राजनीति में बड़ा दखल था। अब ब्राह्मण राजनीति में हाशिये पर चले जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि इस बात पर भी चर्चा हुई कि जानबूझकर भी ब्राह्मणों की लीडरशिप खत्म की जा रही है। तय हुआ कि समाज का एक ऐसा नेता जरूरी है जो आवाज बने। इसके लिये सभी से एकजुट रहने की अपील भी की गई। विधायकों ने कहा कि समाज के किसी भी व्यक्ति के साथ गलत हो तो सभी मिलकर उसकी बात उठाएं। समाज के किसी जनप्रतिनिधि के साथ अन्याय हो तो सभी मिलकर सरकार, संगठन में बात रखें। बैठक में बुंदेलखंड के झांसी जिले के सदर विधायक रवि शर्मा, एमएलसी डॉ. बाबूलाल तिवारी भी शामिल हैं।
फिर जुटेंगे, एजेंडा को धार देंगे
बैठक में ये भी तय हुआ कि जल्द ही फिर ब्राह्मण विधायक फिर जुटेंगे और सामाजिक लीडरशिप विकसित करने के एजेंडा को धार दी जाएगी। सामाजिक अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
सर्वब्राह्मण एकजुटता का भी दिया गया मंत्र
बैठक में सर्वब्राह्मण एकजुटता का भी मंत्र दिया गया। कहा गया कि क्षेत्र के आधार पर ब्राह्मण अलग-अलग वर्गों में बंटे हुए हैं, जैसे कि कान्यकुब्ज, सरयूपारीण, सनाढ्य, जिझौतिया आदि। अगर अलग-अलग वर्गों में बटेंगे तो नुकसान होगा।
यह बोले विधायक
अलग-अलग क्षेत्रों से आने की वजह से कई विधायकों का आपस में परिचय नहीं था। इसलिये सभी सहभोज में शामिल हुए और एक-दूसरे से परिचय किया। समाज के सभी विधायक भाजपा के साथ हैं। आपसी सहयोग से प्रदेश की उन्नति के लिए काम कर रहे हैं। – रवि शर्मा, सदर विधायक, भाजपा।
