Muzaffarnagar में इस बार जुलाई माह की शुरुआत बेहद आध्यात्मिक और धार्मिक रंग में रंगी हुई है। इस्काॅन प्रचार समिति के तत्वावधान में भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का आयोजन 2 और 3 जुलाई को अत्यंत भव्यता के साथ किया जा रहा है। खास बात यह है कि यह आयोजन इस वर्ष अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है, जिसे लेकर भक्तों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।

लक्ष्मण विहार में होगा भगवान जगन्नाथ का दिव्य दर्शन

इस्काॅन प्रचार समिति के अध्यक्ष मनीष कपूर ने जानकारी देते हुए बताया कि 2 जुलाई को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ लक्ष्मण विहार स्थित आर्शीवाद बैंक्वेट हॉल में भक्तों को दर्शन देंगे। यह कार्यक्रम पूरे नगर के लिए अत्यंत पावन और सौभाग्यशाली क्षण होगा।

भव्य संकीर्तन से गूंजेगा माहौल

भगवान के आगमन के स्वागत में श्रद्धालु साक्षी गोपालदास महाराज के नेतृत्व में भव्य संकीर्तन करेंगे, जिसमें इस्काॅन भक्तों का जत्था भक्ति में लीन होकर प्रभु का नाम गाएगा। यह संकीर्तन धार्मिक वातावरण को और अधिक उर्जावान बनाएगा।

56 भोग और दिव्य महाप्रसाद का वितरण

कार्यक्रम की भव्यता यहीं नहीं थमती। भगवान को परंपरागत रूप से 56 प्रकार के भोग अर्पित किए जाएंगे। इसके पश्चात सभी भक्तों को दिव्य महाप्रसाद वितरित किया जाएगा। इससे पहले भी इस्काॅन के आयोजनों में महाप्रसाद को लेकर विशेष श्रद्धा देखी गई है, और इस बार यह आयोजन विशेष रूप से ऐतिहासिक बताया जा रहा है।

3 जुलाई को निकलेगी भव्य रथ यात्रा

समिति के वाइस चेयरमैन कुलवन्त सिंघल काकन और उपाध्यक्ष मनोज खंडेलवाल ने संयुक्त रूप से बताया कि 3 जुलाई (बुधवार) को भगवान जगन्नाथ जी की दिव्य शोभायात्रा नगर में निकाली जाएगी। यह यात्रा नई मंडी स्थित बिंदल बाजार से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए गांधी कॉलोनी स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पर समाप्त होगी।

श्रद्धालु खींचेंगे भगवान का रथ

इस शोभायात्रा की सबसे खास बात होगी भगवान जगन्नाथ का विशाल रथ, जिसे भक्तजन रस्सियों से खींचते हुए नगर भ्रमण कराएंगे। यह दृश्य न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि समाज में एकता, भाईचारा और भक्ति का उदाहरण भी पेश करेगा।

बैण्ड-बाजे और नासिक ढोल बनेंगे आकर्षण का केंद्र

रथ यात्रा में रंग-बिरंगे बैण्ड-बाजे, नासिक के ढोल और पारंपरिक भक्ति संगीत यात्रियों को आनंद और भक्ति में सराबोर कर देंगे। यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि श्रद्धा और संस्कृति का पर्व बनकर उभरेगी।

भण्डारा और सेवा भाव का आयोजन

लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचने के पश्चात विशाल भण्डारे का आयोजन होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाएगा। यह आयोजन न केवल भक्ति का परिचायक होगा, बल्कि समाज सेवा का उदाहरण भी बनेगा।

नगर में 25वीं बार पधारेंगे भगवान जगन्नाथ

समिति के सदस्यों ने बताया कि भगवान जगन्नाथ जी इस बार 25वीं बार मुजफ्फरनगर नगर पधार रहे हैं, जो कि एक ऐतिहासिक क्षण है। इससे पहले भी इस्काॅन समिति ने हर वर्ष इस आयोजन को भव्यता के साथ संपन्न किया है, लेकिन इस बार विशेष रूप से रजत जयंती के अवसर पर आयोजन को और भी विशाल और आकर्षक रूप दिया गया है।

जनता से की गई विशेष अपील

आयोजकों ने नगरवासियों से आग्रह किया है कि वे भगवान जगन्नाथ की शोभायात्रा में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें, यात्रा का फूलों की वर्षा से स्वागत करें, और अपने जीवन में प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस आयोजन में संदीप मित्तल, सतीश अरोड़ा, राकेश जैन, अंबरीश कुमार, अमित, और सौम्या कुच्छल जैसे समर्पित कार्यकर्ता विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

समाज में फैलता सद्भाव और एकता का संदेश

इस प्रकार का आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं होता, बल्कि समाज में सद्भाव, सेवा और समर्पण की भावना को भी बल देता है। भगवान जगन्नाथ की यह यात्रा हर वर्ग, हर जाति और हर विचारधारा के व्यक्ति को जोड़ने का कार्य करती है।

भविष्य के लिए बना उदाहरण

इस आयोजन से नगर के अन्य धार्मिक संस्थान भी प्रेरित हो रहे हैं कि कैसे परंपरागत आयोजनों को आधुनिक ढंग से प्रस्तुत कर अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को जोड़ा जा सकता है। यह यात्रा सिर्फ श्रद्धा नहीं, बल्कि संस्कृति, विरासत और लोक परंपरा का संरक्षण भी है।

 

भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा मुजफ्फरनगर की धार्मिक चेतना और श्रद्धा की गहराई को दर्शाती है। 25वीं वर्षगांठ के इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भक्ति, समर्पण और सेवा जब एक मंच पर आते हैं, तो हर नगर तीर्थ बन जाता है।

 



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