अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। लोकसभा चुनाव से करीब साल भर पहले होने वाले संगठन में फेरबदल को लेकर भाजपा में सुगबुगाहट तेज हो गई है। 15 जुलाई तक संगठन में फेरबदल होने की संभावना है। सत्ताधारी पार्टी होने के चलते महानगर और ग्रामीण क्षेत्र में जिलाध्यक्षी पाने के लिए भाजपा में होड़ मची है। दावेदार लखनऊ तक दौड़ लगा रहे हैं।

भाजपा ने इसी महीने से लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेजी से शुरू कर दी हैं। केंद्र सरकार की नौ साल की उपलब्धियों के चलते जून भर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। घर-घर जनसंपर्क अभियान भी शुरू हो चुका है, ये 30 जून को समाप्त होगा। इसी के बाद जुलाई में संगठन में फेरबदल होना है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक झांसी समेत बुंदेलखंड में पार्टी अच्छा काम करने वाले महानगर और जिलाध्यक्षों को दोबारा कमान सौंप सकती है। बशर्ते, संवैधानिक दृष्टि से वो खरे उतर रहे हों। क्योंकि, पार्टी के संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति तीन-तीन वर्ष के दो कार्यकाल तक ही अध्यक्ष रह सकता है। यही नियम कई महानगर अध्यक्षाें और जिलाध्यक्षों के हटने की भी वजह बनेगा। साथ ही, खराब परफार्मेंस वाले अध्यक्षों पर भी गाज गिर सकती है। जिलाध्यक्ष बनने की लाइन में खड़े कई दावेदारों ने लखनऊ में संगठन के नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है।

मंडल के हिसाब से बनेगा जातीय समीकरण

झांसी। महानगर अध्यक्ष और ग्रामीण जिलाध्यक्ष की तैनाती करते समय भाजपा जातीय समीकरणों का खास ध्यान रखेगी। मंडल के हिसाब से ये जातीय समीकरण तय किया जाएगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि झांसी महानगर में पार्टी वैश्य या फिर साहू समाज से किसी को महानगर अध्यक्ष बना सकती है। इसके अलावा ब्राह्मण समाज से फिर से किसी को जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में ब्राह्मण, ठाकुर, पटेल, गुर्जर या फिर श्रीवास समाज से किसी को जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है। फिर से कुशवाहा समाज पर भी पार्टी दांव लगा सकती है।

कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की टीम में भी होगा बदलाव

जिला और महानगर जिलाध्यक्ष के अलावा पार्टी कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की टीम में भी बदलाव कर सकती है। क्षेत्र की टीम में तीन महामंत्री, आठ उपाध्यक्ष, आठ मंत्री, एक कोषाध्यक्ष, एक मीडिया प्रभारी, पांच कार्यसमिति सदस्य हैं। बताया गया कि इनमें एक-दो सदस्यों का कार्यकाल लगातार दो बार हो चुका है। उनका बदलना तय है। वहीं, कुछ नए सदस्यों को भी क्षेत्र की टीम में शामिल किया जा सकता है।

अभी 30 जून तक केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने पर विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं। संगठन में फेरबदल को लेकर पार्टी ही नीति तय करेगी। – प्रकाश पाल, क्षेत्रीय अध्यक्ष, भाजपा।



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