लखनऊ। भाजपा कार्यकर्ता विनय श्रीवास्तव हत्याकांड में परिजनों ने शनिवार को कई बड़े आरोप लगाए। दावा किया कि पिछले दो महीने से विनय का दोस्तों से कुछ विवाद चल रहा था।
आपस में थोड़ी खटपट थी, जिससे दोस्ती में दरार पड़ चुकी थी। इसमें एक जमीन के विवाद को वजह बताया जा रहा है। आशंका है कि जमीन विवाद को लेकर अनबन हुई। साजिश के तहत विनय को मार दिया गया।
परिजनाें ने पहले ही खुलासा किया था कि विकास किशोर ने उसकी मां के नाम पर थार गाड़ी ली थी, जिसमें विधायक का पास भी लगा है।
दुबग्गा में हाईवे किनारे 6500 स्क्वॉयर फीट एक जमीन है, जिसमें विनय और अरुण उर्फ बंटी साझेदार थे। परिजनों ने बताया कि बेशकीमती जमीन विनय बेचना चाहते थे। बंटी इसका विरोध कर रहा था।
इसे लेकर भी विवाद हुआ था। परिजन आशंका जता रहे हैं कि कहीं यही विवाद उसकी हत्या का कारण तो नहीं बना। हालांकि, अब तक पुलिस की कार्रवाई जेल भेजे गए तीन आरोपियों तक ही सीमित है। पुलिस की जांच में अब तक उनके खिलाफ ही साक्ष्य मिले। हत्या की वजह जुए को लेकर हुए विवाद को बताया जा रहा है।
आखिर…कहां से बरामद हो गए ताश के पत्ते
वारदात के बाद पुलिस से पहले विनय के परिजन मौके पर पहुंचे थे। विनय के भाई का कहना है कि जब वह घटनास्थल पर गए थे तब वहां ताश के पत्ते नहीं थे। जब पुलिस ने प्रेसवार्ता की तो ताश के पत्ते बरामद होने का दावा किया। ये गले नहीं उतर रहा। अगर वहां ताश के पत्ते थे तो उस दौरान क्याें नहीं मिले। इसे लेकर परिजन सवाल खड़े कर रहे हैं।
पंचनामा में सुसाइड की बात लिखी, परिजन भड़के
परिजनों ने बताया कि पंचायत नामा में सुसाइड की बात पुलिस ने लिख दी थी। इस पर भड़क गए थे। उनका कहना था कि आखिर पुलिस ने पहले से ही घटना को सुसाइड क्यों मान लिया था। हालांकि एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा का कहना है कि पंचायतनामा फौरी तौर पर पांच लोगों की राय के आधार पर लिखा जाता है। जिसका हवाला देकर पोस्टमार्टम कराया जाता है। महत्वपूर्ण पोस्टमार्टम रिपोर्ट है। जिसके आधार पर कार्रवाई की जाती है।