मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar)। भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभ को सम्मानित करते हुए ग्रेन चैम्बर पब्लिक स्कूल में संविधान दिवस को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के डायरेक्टर एम० के गुप्ता, प्रधानाचार्य आजाद वीर और कोर्डिनेटर आशीष कुमार त्यागी ने किया। डॉ० भीम राव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
छात्राओं ने बढ़ाई संवैधानिक चेतना
संविधान दिवस के अवसर पर विद्यालय में एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें कक्षा 10 की छात्राओं परी, इशिका और कनक ने भारतीय संविधान की महत्ता पर अपने विचार रखे। उनके भाषणों ने यह दर्शाया कि किस प्रकार हमारा संविधान न केवल एक कानूनी दस्तावेज है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के अधिकार और कर्तव्यों का संरक्षक भी है।
कक्षा 10 की ही अन्य छात्राओं अक्षरा और स्तुति ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक उच्चारण किया। इस दौरान उपस्थित छात्रों और शिक्षकों ने भी उत्साहपूर्वक इस अभ्यास में भाग लिया।
प्रधानाचार्य ने दिया संदेश
प्रधानाचार्य आजाद वीर ने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “संविधान दिवस हमें लोकतंत्र के सिद्धांतों की याद दिलाता है। यह दिन हमारे अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति हमारी जिम्मेदारी का एहसास कराता है।” उन्होंने यह भी बताया कि 19 नवंबर 2015 को भारत सरकार ने हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
उन्होंने आगे कहा, “संविधान हमारे राष्ट्र का मार्गदर्शक है और यह सामाजिक न्याय, समानता और स्वतंत्रता के मूल्यों को सशक्त बनाता है।” कार्यक्रम में उपस्थित सभी को संविधान के नियमों और सिद्धांतों का पालन करने की शपथ भी दिलाई गई।
शिक्षकों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम का संचालन कक्षा 11 की छात्रा हर्षिता मिश्रा ने बड़े आत्मविश्वास और सटीकता के साथ किया। उनकी प्रस्तुति ने न केवल कार्यक्रम को सुचारु रूप से संपन्न किया, बल्कि इसे प्रभावी और आकर्षक भी बनाया।
संविधान दिवस पर अन्य विद्यालयों के अनुभव
ग्रेन चैम्बर पब्लिक स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि युवा पीढ़ी को संविधान की शिक्षा देना कितना आवश्यक है। इसी तरह, देश के अन्य हिस्सों में भी संविधान दिवस को लेकर विभिन्न विद्यालयों और संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
दिल्ली के एक प्रमुख विद्यालय में, संविधान पर आधारित प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। वहीं पुणे के एक कॉलेज में नाटक प्रस्तुत किए गए, जो संविधान के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते थे। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य युवाओं में संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
क्यों महत्वपूर्ण है संविधान दिवस?
भारतीय संविधान न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक ढांचे का आधार भी है। यह हमें यह समझने का मौका देता है कि कैसे हमारे अधिकारों और कर्तव्यों को संतुलित करना महत्वपूर्ण है।
संविधान दिवस हमें याद दिलाता है कि समाज में समानता, स्वतंत्रता और न्याय जैसे मूल्य केवल कानूनी दस्तावेजों में नहीं रहने चाहिए, बल्कि हमारे जीवन का हिस्सा बनना चाहिए।
ग्रेन चैम्बर पब्लिक स्कूल में आयोजित यह आयोजन न केवल छात्रों को संवैधानिक मूल्यों की ओर प्रेरित करने में सफल रहा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि युवा पीढ़ी देश की समृद्धि और लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
इस प्रकार के कार्यक्रम हमें याद दिलाते हैं कि भारतीय संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय अस्तित्व और पहचान का आधार है।