Emotional story of Manjeet family who was trapped in the Uttarkashi tunnel

बेटा मंजीत सुरंग से बाहर निकला तो पिता चौधरी ने उसका माथा चूम लिया
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे लखीमपुर खीरी के भैरमपुर गांव के मंजीत के मंगलवार को सकुशल बाहर आने के बाद परिवार ने दिवाली मनाई। मंजीत के सुरंग से सकुशल बाहर निकलने पर वहां मौजूद पिता ने बेटे का माथा चूमा और माला पहनाई, दूसरी तरफ घर पर मां और बहन समेत पूरे परिवार ने आतिशबाजी की। मां ने बेटे से वीडियो कॉल पर बात की तो खुशी के आंसू छलक आए। 

17 दिन तक सुरंग में फंस रहे मंजीत समेत 41 मजदूरों के निकलने से पूरा देश खुश है। खीरी के जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर स्थित निघासन तहसील के भैरमपुर गांव के बेहद गरीब परिवार के मंजीत तक पिता चौधरी के पहुंचने का सफर आसान नहीं था। उनके बड़े बेटे दीपू की मौत मुंबई में एक हादसे में हो गई थी। दूसरा बेटा मंजीत सुरंग में फंसा था, ऊपर से घर में एक फूटी कौड़ी तक नहीं थी। 

उत्तरकाशी तक जाने का इंतजाम कैसे हो, यह सबसे बड़ा सवाल था। ऐसे में पिता ने फैसला लिया कि बहू के जेवर जो उनके पास रखे हैं कि उन्हें गिरवी रखेंगे और बेटे को लेने जाएंगे। पिता ने 10 हजार रुपये में जेवर गिरवी रखे। एक हजार पत्नी को दिए ताकि उनकी गैरमौजूदगी में खाना खर्च चलता रहे। इसके बाद अपने छोटे भाई के साथ उत्तरकाशी का रुख किया। गरीबी का आलम यह है कि उनके पास में एक फोन भी नहीं था कि जिससे बेटे के कुशलक्षेम का समाचार वह हर दिन अपनी पत्नी और परिजनों से साझा कर सकें। पड़ोसी रोजाना बात करा रहे थे।



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