मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर 16 दिसंबर की सुबह भीषण हादसे में कई वाहन टकरा गए थे। इसमें 19 लोगों की मृत्यु हो गई थी। जलने की वजह से शवों की पहचान नहीं हो सकी थी। हड्डी और दातों के 15 नमूने आगरा फोरेंसिक लैब भेजे गए थे। विज्ञानियों को 13 नमूनों से डीएनए लेने में सफलता मिली थी। इनमें दो नमूने एक ही शव के थे।
डीएनए मिलान से 12 मृतकों की पहचान हो गई। सात दिन प्रयास के बाद भी दो नमूनों से डीएनए हासिल नहीं होने पर उन्हें लखनऊ फोरेंसिक लैब भेजा गया है। लैब में काम भी शुरू कर दिया गया। विज्ञानी नमूनों के माइटोकांडि्रया से डीएनए निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
लैब में विज्ञानियों ने 13 नमूनों से न्यूक्लियस तकनीक से डीएनए हासिल किया था। दो नमूने बेहद जले हुए थे। इस वजह से तकनीक काम नहीं आई। इसको देखते हुए माइटोकांड्रिया की मदद से डीएनए हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। माइटोकांड्रिया से डीएनए निकालने वाली हाईटेक मशीनें फिलहाल लखनऊ और मुरादाबाद फोरेंसिक लैब में ही हैं। डिप्टी डायरेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि लखनऊ लैब में भी अवशेष की जांच कराई जाएगी।