घायलों की बढ़ती संख्या को देख सीएमएस ने घायलों के उपचार की जिम्मेदारी डाॅ. दिलीप कुमार, डाॅ. पवन कुमार, डाॅ. लवेश कुमार, डाॅ. हर्ष एवं सीएचसी से डाॅ. लवेश को सौंपी। आर्थोपेडिक न होने के कारण केडी मेडिकल कॉलेज से हड्डी रोग विशेषज्ञ को बुलाया गया। अस्पताल में 20 घायल ऐसे आए जिसके सिर, रीढ़ की हड्डी और सीने में गंभीर चोट होने पर उन्हें आगरा के लिए रेफर कर दिया गया। जिला संयुक्त चिकित्सालय की सीएमएस डाॅ. वंदना अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े दस बजे तक लगातार घायल आते रहे। अस्पताल में 43 घायलों का उपचार किया गया। 20 को आगरा रेफर किया गया है।
बांकेबिहारी के दर्शन करने आ रहे थे
कानपुर से अपने 4 साथियों के साथ बांके बिहारी मंदिर के दर्शन करने आ रहे अमन यादव जिला अस्पताल में भर्ती हैं। उनके साथ तीन अन्य साथी भी घायल हैं। उनकी आंख, सिर और हाथ पैर में चोटें आई हैं। अमन ने बताया कि वह कल शाम को वृंदावन के लिए कानपुर से निकले थे। यमुना एक्सप्रेस वे पर उनकी कार में एक बस ने पीछे से टक्कर मार दी। इसके बाद लगातार वाहन एक-दूसरे से टकराते रहे। अमन और उनके साथी कार से निकलकर बाहर आ गए। अचानक बसों में धमाके होने लगे और आग लग गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे। घना कोहरा होने के कारण कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। संवाद
हादसे में गवां दिए घी, गेहूं और रुपये
हादसे में घायल हुए जालौन के मातादीन की कहानी सबसे जुदा है। पत्नी, ससुर और बेटे को लेकर नोएडा जा रहे गांव ठकोर निवासी मातादीन भी बस में सवार थे। बड़े शहर में परिवार की परवरिश के लिए घर से 1 कुंतल अनाज, 5 किलो घी, गर्म कपड़े, कंबल और पांच हजार रुपये लेकर जा रहे थे। सुबह सबेरे हुई घटना में मातादीन ने खुद को और परिवार को बचा लिया लेकिन पसली और पैर में चोट लग जाने से अपना सामान नहीं बचा पाए। बीमारी की हालत में पत्नी शारदा भी उनकी मदद नहीं कर सकी। शारदा के पिता मूंगालाल भी हादसे में घायल हो गए। जिला अस्पताल में मौजूद शारदा ने बताया बड़े शहर में सब कुछ महंगा मिलता है। इस कारण घर से अनाज लेकर जाते हैं।




