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महंगे दाम में रियाल खरीदने की मजबूरी के बाद सऊदी अरब पहुंचे हज यात्रियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। वहां ठहराने के लिए भवन चयन में हुई लापरवाही का खामियाजा आजमीन-ए-हज भुगत रहे हैं। मदीना में रिहाइश फुल हो चुकी है। आलम यह है कि 50 हज यात्री एक किचन का उपयोग करने पर मजबूर हैं।
बीते चार जून को पत्नी अनीस बानो के साथ सऊदी अरब पहुंचे मो. नायाब, 31 मई को पहुंचे शाकिर अहमद और खैरुन्निशा ने बताया कि मक्का के अजीजिया होटल मकतब 40, बिल्डिंग नंबर 193 में उन्हें ठहराया गया है। यहां पर 50 लोगों के लिए मात्र एक किचन है। फ्रिज भी सिर्फ एक है।
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इसके अलावा एक कमरे में 4 से 6 लोगों को ठहराया गया है। इसमें शौचालय अटैच है, लेकिन इतना छोटा है कि स्नान करना मुश्किल है। इन समस्याओं को लेकर हज यात्रियों ने हज कमेटी ऑफ इंडिया और अल्पसंख्यक मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है।
भवन चयन में प्रक्रिया की अनदेखी
सऊदी अरब में हज यात्रियों की रिहाइश के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय और भारतीय दूतावास के अधिकारी मक्का व मदीना में होटल व भवन का चयन करते हैं। इसके बाद राज्य सरकारों के प्रतिनिधि इनको देखने भी जाते हैं। लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस बार यह प्रक्रिया अपनाई ही नहीं गई। मंत्रालय ने किसी दरगाह के सज्जादानशीन और एक अन्य व्यक्ति को इमारतों के चयन की जिम्मेदारी दी थी। इसका नतीजा ये हुआ कि मदीना में हज यात्रियों के ठहरने की जगह कई दिन पहले ही फुल हो चुकी हैं। इससे अब मक्का पहुंचने वालों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन रजा का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में है। देश भर से 1.70 लाख लोग हज करने जा रहे हैं। इनमें से मात्र 50 लोगों की शिकायत आई है। केंद्र सरकार और हज कमेटी की नीयत साफ है। मामले से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है।