There will be no India alliance in Madhya Pradesh: Akhilesh says difference in thinking between us and Congre

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व कांग्रेस नेता राहुल गांधी।
– फोटो : अमर उजाला

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 मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के मिलकर लड़ने पर बात नहीं बनी। हालांकि, तल्खी भरी बयानबाजी के बाद दोनों के शीर्ष नेतृत्व की बातचीत से इसकी उम्मीद जगी थी। लेकिन रविवार की रात जिस तरह से सपा ने मीडिया को आधिकारिक तौर पर बिना जानकारी दिए 9 और प्रत्याशियों को उतार दिए, उसे राज्य में गठबंधन के प्रयास विफल होने का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने मध्य प्रदेश में 50 से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी की है। वहीं, अखिलेश यादव ने कहा है कि सपा और कांग्रेस के सोचने के तरीके में फर्क है।

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने के लिए सपा और कांग्रेस के बीच कई राउंड की बातचीत हुई। सपा अध्यक्ष के मुताबिक, गठबंधन के तहत सपा को कुछ सीटें देने पर सहमति बन गई थी। इस बाबत अखिलेश यादव व मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच भी बात हुई थी। सपा नेतृत्व को उम्मीद थी कि कम से कम छह सीटें उसे गठबंधन के तहत मिलेंगी और इसकी घोषणा नवरात्र में आने वाली कांग्रेस की पहली सूची में कर दी जाएगी। लेकिन, जब ऐसा नहीं हुआ तो दोनों ओर से तल्खी भरे बयान आने लगे। 

अखिलेश ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी अखिलेश पर पलटवार करते हुए कह डाला कि जो अपने बाप का नहीं हुआ, वह किसका होगा। मामला इतना बढ़ा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को दखल देना पड़ा। अखिलेश के साथ उनकी सीधी बातचीत हुई। इसके बाद कांग्रेस के नेताओं के तेवर भी नरम हुए और अखिलेश ने भी अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि वे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी न करें। राहुल गांधी के खिलाफ किया गया आपत्तिजनक ट्वीट (अब एक्स) भी हटवाया। इसके बाद माना जा रहा था कि मध्य प्रदेश में गठबंधन पर बात बन सकती है।

शायद यही वजह रही कि सपा मुख्यालय पर मध्य प्रदेश इकाई के पदाधिकारी सोमवार को भी मौजूद रहे, ताकि कोई बात बनने पर अखिलेश उन्हें नई परिस्थितियों के अनुसार संदेश दे सकें। लेकिन सोमवार की दोपहर को सपा की मध्य प्रदेश इकाई के नेताओं को वापस क्षेत्र में जाकर जुटने के लिए कह दिया गया और अखिलेश परिवार के साथ उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए। मध्य प्रदेश के सपा के पदाधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि गठबंधन पर बात नहीं बनी। अब जहां भी हमारे प्रत्याशी उतारे गए हैं, वहां पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि कांग्रेस भी मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 229 पर प्रत्याशी उतार चुकी है। वहीं, सपा ने भी मध्य प्रदेश की 50 से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी की है। अब तक पार्टी ने 36 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं।

कहीं हम अपनी बात लेकर जाएं, तो किसी को नहीं होना चाहिए एतराज

अखिलेश यादव ने कहा कि सपा-कांग्रेस के बीच मतभेद नहीं है, पर हमारे और उनके सोचने के तरीके में फर्क है। अगर हम किसी राज्य में अपना आधार बढ़ाना चाहते हैं तो इसमें किसी भी दल को कोई एतराज नहीं होना चाहिए। हम पीडीए की अपनी बात लेकर लोगों के बीच जाएंगे। अगर समाजवादियों की बात अवाम को अच्छी लगेगी तो वे हमसे जरूर जुड़ेंगे।



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