
कार्यशाला को संबोधित करते सीएम योगी
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी 762 नगर निकायों को बेहतर काम करने के लिए पांच मानक तय करके काम करने के निर्देश दिए हैं। इनमें स्वच्छता. शुद्ध पेयजलापूर्ति, बेहतर सड़क, सेफ सिटी और आय में आत्मनिर्भरता को मानक बनाया जाए। इन मानकों के आधार पर निकायों के बीच प्रतियोगिता कराने का सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रतियोगिता में पहला स्थान पाने वाले निकायों को पुरस्कतृ करने और एक से 10 करोड़ रुपये तक अतिरिक्त धनराशि देने की घोषणा की । उन्होंने कहा कि जो नगर निकाय इन मानकों को पूरा करते हुए प्रथम स्थान लाएगा, उन निकायों को लखनऊ में बुलाकर संबंधित महापौर, अध्यक्ष, नगर आयुक्त और अधिकारी को सम्मानित भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री राजधानी के इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में नगर विकास विभाग द्वारा नव निर्वाचित महापौर और अध्यक्षों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के मुद्दे पर निकायों के बीच आपसी स्पर्धा से शहरों की तस्वीर बदल सकती है। इसलिए निकायों को मानक तय करके काम करना होगा। उन्होंने घोषणा किया कि तय किए मानक के आधार पर सरकार की ओर से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नगर पंचायतों को एक करोड़, नगर पालिका परिषद को दो करोड़ और नगर निगम को 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि देकर पुरस्कृत किया जाएगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष का नाम लिए बगैर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि कुछ लोग निकाय चुनाव को टालने के लिए अंडगा लगा रहे थे, लेकिन वह सफल नहीं हुए क्योंकि सरकार ने बहुत ही पारदर्शिता से चुनाव कराया। उन्होंने कहा यह पहला मौका है जब पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करते हुए उसकी रिपोर्ट के आधार पर निकायों का चुनाव कराया गया है। इसके बावजूद कुछ लोग चुनाव में व्यवधान करने की कोशिश में जुटे रहे । उन्होंने निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव कराने का श्रेय नगर विकास विभाग, राज्य निवार्चन आयोग और पुलिस विभाग को दिया है। उन्होंने इन विभागों की मुस्तैदी की वजह से ही जहां निष्पक्ष चुनाव संपन्न हो पाए वही, सभी वर्गों को बिना भेदभाव के प्रतिनिधित्व मिला है। इस मौके पर नगर विकास राज्य मंत्री राकेश राठौर, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, सचिव रंजन कुमार और निदेशक स्थानीय निकाय नेहा शर्मा मौजूद रहे।
2017 से भ्रष्टाचार का अड्डा थे नगर निकायः एके शर्मा
इस मौके पर नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश की शहरों की स्थिति काफी खराब थी । नगर निकाय भ्रष्टाचार के अड्डा बन गए थे। पहली बार मुख्यमंत्री ने नगर निकायों में वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती करके निकायों की व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास किया है। इसका असर भी दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि छह वर्षों के दौरान शहरों में आधारभूत सरंचना का विकास तेजी से हो रहा है। उन्होने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि 2017 से पहले नगर विकास विभाग को काफी कम बजट मिलता था लेकिन मुख्यमंत्री जी ने इस बजट तो बढ़ाकर 600 करोड़ कर दिया है। हर साल बजट में बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शहर की सड़कों के विकास के लिए पहली बार अलग से बजट दिए जाने का प्रावधान किया है।
छह महीने में 18 बढ़े शहरों को बनाएं सेफ सिटी
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 17 नगर निगम वाले शहरों के साथ ही गौतमबुद्धनगर को भी छह महीने के भीतर सेफ सिटी बनाने का टास्क दिया है। साथ ही एक साल के भीतर 75 जिलों में 75 नगर निकाय वाले शहरों को भी सेफ सिटी बनाने का लक्ष्य दिया है । इसके लिए उन्होंने नगर विकास और गृह विभाग को मिलकर काम करने की जिम्मेदारी दी है ।
गंदगी फैलाने वालों को पहले संवाद, चेतावनी फिर दंडित करें
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को शहर के शिल्पी के तौर पर काम करने की सलाह देते हुए कहा कि शहरों में स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए काम करें । उन्होंने कहा कि शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए मोहल्ला और वार्ड स्तर पर स्वच्छता समितियों का गठन करें । यह समितियां मोहल्ले और वार्ड में सफाई कार्य की निगरानी करने के साथ ही नागरिकों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का काम करेगी तो शहर की तस्वीर बदल जाएगी । उन्होंने कहा कि गंदगी फैलाने वालों से पहले संवाद करें, फिर चेतावनी दें और न माने तो उनको दंडित करने के लिए जुर्माना वसूलें। उन्होंने कहा कि नगर निकायों के सदन और बोर्ड को मिले अधिकारों का सही तरीके से इस्तेमाल करते हुए काम करेंगे तो आपका कार्यकाल भी लंबे समय तक चलेगा। उन्होंने अमृत योजना, स्मार्ट सिटी, पीएम स्वनिधि योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2017 के बाद इन योजनाओं के माध्यम से शहरों के विकास का बेहतर काम हुआ है।
बरसात से पहले करा लें नाली-नाले की सफाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर नल के लिए सरकार पर्याप्त पैसा दे रही है। इसके लिए सभी नगर निकाय कार्ययोजना तैयार कर लें । सड़कों पर अतिक्रमण न होने पाए। उन्होंने कहा कि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों को अपने क्षेत्र में सुगम यातायात की व्यवस्था बनाने के लिए शहर को अतिक्रमण मुक्त करने होंगे। इसके लिए पटरी दुकानदारों और टैक्सी स्टैंड की उचित व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को बरसात से पहले नाली और नालों की सफाई करने के साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग की व्यवस्था को दुरस्त करने के भी निर्देश दिए।
कुत्ता काटने की घटनाओं पर लगाएं अंकुश
इन दिनों प्रदेश में कुत्तों के काटने की घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निकाय ऐसी घटनाओ को रोकने के लिए उचित प्रबंध करें। उन्होंने शहर की सड़कों पर निराश्रित गोवंश को कान्हा उपवन भेजने, रोजगार की तलाश में शहर में आने वाले लोगों के लिए रैन बसेरा की व्यवस्था करने और भीख मांगने वाले लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर लाभ दिलाने को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने नए नगर निकायों में स्थित सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त करते हुए उसपर गरीबों के लिए मकान, बहुमंजिली व्यावसायिक व पार्किंग कॉम्पलेक्स आदि बनाने का भी सुझाव दिया।