मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में अवैध मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत रामराज पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक सिंह के निर्देशन में, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री आदित्य बंसल के पर्यवेक्षण और क्षेत्राधिकारी जानसठ यतेन्द्र सिंह नागर तथा थानाध्यक्ष रामराज दीपक चौधरी के कुशल नेतृत्व में एक शातिर मादक पदार्थ तस्कर को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के साथ, जिले में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाने के प्रयासों में पुलिस ने एक और मील का पत्थर हासिल किया है।

घटनाक्रम की जानकारी:

रामराज थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस ने दिनांक 23 सितंबर 2024 को ग्राम हासिमपुर मार्ग पर नाका बंदी के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति को रोका और उसकी तलाशी ली। इस दौरान पुलिस ने उसके कब्जे से 250 ग्राम चरस बरामद की, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 80,000 रुपये बताई जा रही है। इसके अतिरिक्त, पुलिस को अभियुक्त के पास से एक इलेक्ट्रॉनिक कांटा भी मिला, जो कि मादक पदार्थों के तौलने में उपयोग होता है।

गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान संजीव कुमार पुत्र लाला, निवासी ग्राम लालू खेड़ी, थाना तितावी, मुजफ्फरनगर के रूप में हुई। पुलिस ने इसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, जिसमें धारा 8/20 एनडीपीएस (NDPS Act) के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस की सतर्कता और तस्करी विरोधी अभियान:

पुलिस प्रशासन की इस प्रकार की सख्ती से यह साफ हो जाता है कि जिले में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार मुजफ्फरनगर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगातार चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की गहन तलाशी ली जा रही है। इसी अभियान का परिणाम है कि पुलिस ने संजीव कुमार जैसे तस्करों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है।

इस प्रकार की गिरफ्तारी न सिर्फ मादक पदार्थों की अवैध सप्लाई पर रोक लगाने में मददगार साबित हो रही है, बल्कि इससे जिले में अपराधियों के नेटवर्क पर भी पुलिस की पकड़ मजबूत हो रही है।

मादक पदार्थ तस्करी की बढ़ती समस्या:

मुजफ्फरनगर सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी एक बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आ रही है। बढ़ती हुई युवा आबादी और बेरोजगारी के चलते कई लोग इस अवैध धंधे में शामिल हो रहे हैं। मादक पदार्थ न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर खतरा बन चुके हैं।

चरस, गांजा, अफीम जैसे नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार बड़े स्तर पर संचालित हो रहा है, और इस प्रकार की तस्करी से न केवल तस्कर, बल्कि उपभोक्ता भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। नशे की लत से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। पुलिस द्वारा बार-बार इस तरह की कार्रवाई का उद्देश्य न केवल तस्करों को गिरफ्तार करना है, बल्कि उन लोगों तक पहुंचना भी है जो इस अवैध व्यापार में लिप्त हैं।

पुलिस की योजनाएं और भविष्य की रणनीति:

मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार, हर थाना क्षेत्र में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है जो कि मादक पदार्थ तस्करों पर विशेष ध्यान देगी। इसके साथ ही, पुलिस ने स्थानीय लोगों को भी जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है ताकि वे इस प्रकार की गतिविधियों के प्रति सतर्क रहें और पुलिस को समय पर सूचित करें।

पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस प्रकार के सघन अभियान से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में मादक पदार्थों की तस्करी पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकेगा। पुलिस द्वारा स्थानीय नागरिकों से भी सहयोग की अपील की जा रही है कि अगर उन्हें कहीं मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

अन्य राज्यों से भी जुड़ी तस्करी की कड़ियां:

मुजफ्फरनगर जिला अक्सर उत्तर प्रदेश के अन्य राज्यों से जुड़ी तस्करी की गतिविधियों का केंद्र बनता रहा है। विशेष रूप से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्यों से मादक पदार्थों की सप्लाई बड़ी मात्रा में होती है, और मुजफ्फरनगर एक ट्रांजिट पॉइंट की भूमिका निभाता है। इस कारण पुलिस को यहां सतर्क रहना पड़ता है।

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ में यह बात सामने आती है कि तस्करों के बड़े गिरोह इन क्षेत्रों में सक्रिय हैं। पुलिस अब इन गिरोहों को जड़ से खत्म करने के लिए गहन जांच कर रही है।

जनता की भूमिका और समाज की जिम्मेदारी:

मादक पदार्थ तस्करी की समस्या से निपटने के लिए केवल पुलिस ही नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को जागरूक होने की जरूरत है। मादक पदार्थों के सेवन से जहां व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब होता है, वहीं इसका सीधा असर समाज पर भी पड़ता है। इस तरह की गतिविधियों से दूर रहना और दूसरों को भी जागरूक करना समाज की जिम्मेदारी है।

पुलिस द्वारा समय-समय पर चलाए जा रहे अभियानों की सफलता तभी संभव है जब आम जनता भी इसमें अपनी भूमिका निभाए। अगर आप अपने आस-पास किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखते हैं, तो उसे नजरअंदाज न करें और तुरंत पुलिस को सूचित करें।

मुजफ्फरनगर पुलिस की इस कार्रवाई ने फिर से साबित कर दिया है कि अपराध चाहे कितना भी संगठित क्यों न हो, पुलिस की सतर्कता और समर्पण से उसे रोका जा सकता है। मादक पदार्थ तस्करी जैसे गंभीर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने जिस प्रकार की प्रतिबद्धता दिखाई है, वह सराहनीय है। आने वाले समय में ऐसे अभियानों से समाज को इस गंभीर समस्या से निजात मिल सकेगी।

मादक पदार्थ तस्करी से न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती मिलती है, बल्कि इसका असर समाज के हर तबके पर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि पुलिस के साथ-साथ समाज भी इस समस्या के खिलाफ मिलकर खड़ा हो और तस्करों के मंसूबों को नाकाम करे।

गिरफ्तार अभियुक्त के कब्जे से 250 ग्राम चरस (अनुमानित कीमत करीब 80,000/- रूपये) तथा 01 इलैक्ट्रानिक कांटा बरामद किया गया। अभियुक्त की गिरफ्तारी व बरामदगी के सम्बन्ध में थाना रामराज पुलिस द्वारा मु0अ0सं0- 93/2024 धारा 8/20 एनडीपीएस पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्त संजीव कुमार पुत्र लाला निवासी ग्राम लालू खेडी थाना तितावी, मुजफ्फरनगर। जिसके कब्जे से 250 ग्राम चरस (अनुमानित कीमत करीब 80,000/- रूपये), 01 इलैक्ट्रानिक कांटा बरामद की। गिरफ्तारकर्ता पुलिस टीम में उ0नि0 शिवदत्त सिंह, है. का. रिंकू, अमरदीप सिंह थाना रामराज शामिल रहे।



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