
Khan Mubarak Death Case
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जेल में रहने के दौरान भी पुलिस से बेखौफ रहने वाला माफिया खान मुबारक अंतत: बीमारी से हार गया। सोमवार को सलाखों के पीछे माफिया के डेढ़ दशक पुराने आपराधिक साम्राज्य का अंत हो गया। प्रदेश के टॉप टेन बदमाशों की सूची में शामिल खान मुबारक पर अलग-अलग जनपदों में कुल चार दर्जन मुकदमे दर्ज थे।
हत्या, लूट जैसी घटनाएं कर गैंगस्टर बने खान मुबारक ने फिरौती, रंगदारी व जमीनों पर कब्जे पर अकूत संपत्ति बनाई थी। हंसवर थाना क्षेत्र के हरसम्हार गांव निवासी खान मुबारक ने अपराध जगत का सफर तेजी से तय किया। यूं तो उसके आपराधिक सफर की शुरुआत प्रयागराज से हुई लेकिन वर्ष 2012 के बाद से उसने अंबेडकरनगर को अपराध का केंद्र बना लिया।
यहां उसने ताबड़तोड़ कई घटनाएं करके अपना नाम मोस्ट वांडेट अपराधियों की सूची में दर्ज कर लिया। बसपा नेता जुरगाम मेहंदी व उनके चालक शुभनीत यादव की हत्या करके उसने सनसनी फैला दी। ईंट भट्ठा व्यवसायी ऐनुद्दीन की हत्या करके उसने और दबंगई कायम की।
इसके बाद जमीनों पर कब्जे, रंगदारी वसूलने और फिरौती की कई घटनाएं करके उसने अकूत संपत्ति अर्जित की। वह लोगों को डरा धमकाकर कीमती संपत्तियां सस्ते दामों में अपने गुर्गों के नाम लिखवाने लगा। उसके डर की वजह से पीड़ित लोग केस दर्ज कराने पुलिस तक नहीं पहुंचते। इस खौफ के चलते अपराध की दुनिया में वह तेजी आगे बढ़ा। उसकी गतिविधियों के चलते प्रयागराज के साथ ही खान मुबारक का खौफ पूर्वांचल के कई जिलों में छाया रहा।