विकासखंड के गांव धौंसड़ निवासी दो गरीब मछुआरे चांद बाबू और लक्ष्मण पिछले पांच वर्षों से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। अब उनका दर्द भरा पत्र गांव पहुंचा है, जिसने पूरे इलाके को भावुक कर दिया है। आंखों में आंसू, दिल में उम्मीद और होठों पर एक ही फरियाद कि हमें वापस वतन बुला लो।
पत्र पाकिस्तान की जेल में बंद सर्वेश के भाई उमाशंकर के माध्यम से गांव तक पहुंचा। पत्र में चांद बाबू और लक्ष्मण ने लिखा है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट उन्हें वर्ष 2023 में ही बरी कर चुकी है। इतना ही नहीं पाकिस्तानी सरकार भी उनकी रिहाई के लिए तैयार है लेकिन भारत सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। सरकार की यही चुप्पी आज उनके घरवालों के लिए सबसे बड़ा दर्द बन गई है।
परिजन माजिद ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से नेताओं और अधिकारियों की चौखट पर दस्तक दे रहे हैं। डीएम से लेकर मंत्रालय तक गुहार लगाई गई, लेकिन हर जगह से सिर्फ आश्वासन ही मिला। किसी ने यह नहीं बताया कि आखिर उनके बच्चों की वतन वापसी में देरी क्यों हो रही है। गरीब परिवार के पास न पैसा है, न पहुंच। यदि कुछ है तो बस एक उम्मीद कि सरकार उनकी पीड़ा सुनेगी। पत्र में चांद बाबू और लक्ष्मण ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विशंभर प्रसाद निषाद से भी अपील की है कि सांसदों और सरकार के माध्यम से उनकी वतन वापसी का रास्ता निकाला जाए। परिजन अब भारत सरकार और राहुल गांधी से भी मदद की गुहार लगा रहे हैं, ताकि उनके बेटे सुरक्षित घर लौट सकें। ग्राम प्रधान रामप्रकाश ने बताया कि पंचायत स्तर से भी पत्राचार किया गया है।