
अखिलेश यादव ने शुरू की लोक जागरण यात्रा।
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समाजवादी पार्टी ने मिशन 2024 फतह के लिए नई रणनीति अपनाई है। पार्टी बूथ और सेक्टर समन्वय पर जोर देगी। प्रशिक्षण के जरिये बूथ जीतने का मंत्र देना शुरू किया है तो प्रतिमाओं व धार्मिक स्थलों को प्रतीक के रूप में प्रयोग कर रही है। पार्टी लोक जागरण यात्रा के जरिये सामाजिक न्याय और जातीय जनगणना के रास्ते सियासी सफर पूरा करने का संकल्प दिलाएगी। इसकी शुरुआत लखीमपुर खीरी से हो गई है।
सपा हर जिले में प्रशिक्षण शिविर के जरिये कार्यकर्ताओं में ऊर्जा बढ़ाने की तैयारी में है। सोमवार को लखीमपुर खीरी पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसकी शुरुआत की। उन्होंने समाजवादी नेता धीरेंद्र बहादुर सिंह, चौधरी यशपाल सिंह और डॉ. कौशल किशोर की प्रतिमा का अनावरण किया। पूर्व विधायक कृष्ण गोपाल पटेल के घर जाकर श्रद्धांजलि दी। इसके भी सियासी निहितार्थ हैं। तो दुधवा नेशनल पार्क में रुककर पर्यावरण प्रेमी होने का संदेश दिया।
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उन्होंने विभिन्न स्थानों पर कार्यकर्ताओं का न सिर्फ हौसला बढ़ाया बल्कि लखीमपुर से धौरहरा तक रथ से लोक जागरण यात्रा निकालकर नया प्रयोग किया। अब यह यात्रा हर जिले में निकालने की तैयारी है। इसका मूल तत्व सामाजिक न्याय और जातीय जनगणना का रास्ता बनाया है। रणनीतिकारों का कहना है कि इस यात्रा के जरिये जहां भाजपा की गलत नीतियों का प्रचार किया जाएगा, वहीं पिछड़े व दलित वोटबैंक की लामबंदी होगी। दूसरी तरफ ये शिविर ऐसे स्थानों पर आयोजित किए जा रहे हैं, जहां के प्रतीकों के जरिये पूरे प्रदेश में संदेश दिया जा सके। पहला शिविर छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध गोला गोकर्णनाथ में हुआ है। अब दूसरा नौ व 10 जून को पवित्र तीर्थस्थल नैमिषारण्य में होगा।
बूथ कमेटी को शीर्ष नेतृत्व से जोड़े रखने की कोशिश
सपा अब बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को शीर्ष नेतृत्व से जोड़े रखने की रणनीति पर कार्य कर रही है। खीरी में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वह किसी न किसी रूप में बूथ प्रभारियों के संपर्क में रहेंगे। उन्होंने नसीहत भी दी कि टकराव खत्म कर कार्यकर्ता बूथ और सेक्टर मजबूत करें। विधानसभा चुनाव में अगर समाजवादियों ने बूथ संभाल लिया होता तो सपा की सरकार होती। उन्होंने दोहराया कि हमें सतर्क व सावधान रहकर वर्ष 2014 में जो यूपी के रास्ते केंद्र में गए हैं, उन्हें वर्ष 2024 में यूपी से ही हटाना है।
सामाजिक न्याय व जातीय जनगणना पर जोर
अखिलेश ने कहा कि समाजवादी लोग जातीय जनगणना चाहते है। सामाजिक न्याय का रास्ता जातीय जनगणना के बिना पूरा नहीं होगा। उन्होंने दोहराया कि बाबा साहब के रास्ते और कांशीराम की फौज को साथ लेकर सपा बहुजन समाज को समाजवादी विचारधारा से जोड़ेगी। इससे साफ है कि सपा पिछड़े व दलितों की सियासी तौर पर गोलंबदी में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। यही वजह है कि प्रशिक्षण शिविर की थीम बदलकर सामाजिक न्याय और जातीय जनगणना का रास्ता किया गया है।
