Muzaffarnagar की गांधी कॉलोनी स्थित बारात घर में जिला पिछड़ा मोर्चा कमेटी की अहम बैठक का आयोजन हुआ, जिसने पूरे जिले में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इस बैठक में जिले भर के मंडल अध्यक्षों समेत जिला कमेटी के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जातिगत जनगणना के निर्णय को लेकर एकजुटता दिखाने और आभार प्रकट करने हेतु आयोजित की गई।

भूपेंद्र सैनी, सुंदर पाल और रामकुमार कश्यप का मार्गदर्शन, मिला कार्यकर्ताओं को जोश

बैठक में मुख्य मार्गदर्शक के रूप में उपस्थित रहे भूपेंद्र सैनी, जो कि क्षेत्रीय जिला मंत्री हैं। उनके साथ मंच साझा किया जिला अध्यक्ष सुंदर पाल और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रामकुमार कश्यप ने। तीनों नेताओं ने मिलकर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जाति आधारित जनगणना कराना सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

जगह-जगह धन्यवाद कार्यक्रम, अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन की तैयारी

पिछड़ा वर्ग मोर्चा द्वारा जगह-जगह प्रधानमंत्री के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आगामी 5 जुलाई 2025 को राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण खुद गांधी कॉलोनी, पचेडा रोड, मुजफ्फरनगर में एक विशाल सभा को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में वह जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।

के. लक्ष्मण की रैली के लिए शहर सजा, नेताओं में जोश, कार्यकर्ताओं में उमंग

राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन की खबर मिलते ही शहर में उत्सव जैसा माहौल है। कार्यकर्ता तैयारियों में जुट गए हैं। गली-मोहल्लों में पोस्टर, बैनर और तोरण द्वार सजाए जा रहे हैं। संगठन के नेता दिन-रात मीटिंग्स कर व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं।

कौन-कौन रहा मौजूद, जानिए उन चेहरों को जो बना रहे हैं कार्यक्रम को यादगार

इस महत्वपूर्ण बैठक में जिन प्रमुख चेहरों ने भागीदारी की, उनमें तरुण पाल (जिला पंचायत सदस्य), जयकरण, मनोज पांचाल (जिला महामंत्री ओबीसी मोर्चा), विजय वर्मा (जिला मंत्री), डॉ करण सिंह, रामपाल सिंह, नरेंद्र सिंह प्रजापति, राकेश कुमार, ओमवीर पाल, सनोज कुमार प्रजापति, पपेंद्र, मनोज पाल, फौजी इंद्र कुमार, योगेश पाल, डॉ राधेश्याम, जयकेश सिंह जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यकर्ता शामिल थे। इन सभी ने कार्यक्रम की सफलता के लिए अपने विचार रखे और जिम्मेदारियों को साझा किया।

जाति जनगणना: पिछड़ों को मिलेगा हक या सिर्फ चुनावी हथकंडा?

हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों की नजर इस कार्यक्रम पर गहराई से है। कुछ का मानना है कि यह जाति जनगणना वास्तव में पिछड़े वर्गों को सशक्त करने की दिशा में निर्णायक कदम है, जबकि विपक्ष इसे आगामी चुनावों से जोड़ कर देख रहा है। लेकिन ज़मीनी हकीकत यह कहती है कि ओबीसी समुदाय मोदी सरकार के इस कदम से गदगद है और इसी का प्रमाण मुजफ्फरनगर की यह ऐतिहासिक बैठक है।

कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के भी किए गए पुख्ता इंतजाम

पांच जुलाई को होने वाले कार्यक्रम के लिए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान, सुरक्षा घेरा और आयोजन स्थल पर पुलिस तैनाती की तैयारी की जा रही है। मोर्चा के आयोजकों ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वयंसेवकों की भी एक टीम बनाई गई है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत होगा भव्य, लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से महकेगा मंच

आयोजन स्थल पर स्थानीय लोक नृत्य, भजन मंडली और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी व्यवस्था की जा रही है, ताकि मंच पर एक आकर्षक माहौल बने और सभा में आए लोगों को सिर्फ राजनीतिक संदेश ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक समरसता का भी अनुभव हो।

पिछड़ा वर्ग के लिए नई उम्मीद बनकर उभरी मोदी सरकार की नीतियां

प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने लंबे समय से उपेक्षित वर्गों की आवाज को पहचान दी है। चाहे 10% आरक्षण हो, जाति आधारित डेटा संग्रह या फिर सामाजिक न्याय की योजनाएं, ओबीसी वर्ग में इसे लेकर सकारात्मक लहर देखी जा रही है। मुजफ्फरनगर की यह तैयारी केवल एक सभा की नहीं, बल्कि एक नए राजनीतिक युग की दस्तक है।


5 जुलाई को होने वाला यह कार्यक्रम केवल एक राजनीतिक बैठक नहीं बल्कि सामाजिक एकता और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की एक बड़ी आवाज़ बनकर उभरेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण का दौरा मुजफ्फरनगर को नई राजनीतिक दिशा देगा और भाजपा की नीतियों को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान करेगा।

 



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