Muzaffarnagar, वहलना। खेलों की दुनिया में एक नई चमक लेकर आए हैं वहलना गांव के किसान पुत्र विश्वजीत चौधरी। उन्होंने हाल ही में बिहार के पटना में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की खेलो इंडिया प्रतियोगिता में बॉक्सिंग स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतकर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे मुजफ्फरनगर जनपद का नाम देश-विदेश में रौशन किया है।

विश्वजीत की इस शानदार उपलब्धि से पूरा जनपद उत्साहित है। उनकी वापसी पर गांव में पारंपरिक ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया। स्थानीय लोगों ने फूलमालाओं से उन्हें सम्मानित किया और ट्रैक्टर रैली निकाल कर उनके प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।


खेलो इंडिया प्रतियोगिता में विश्वजीत का दमदार प्रदर्शन

खेलो इंडिया खेल भारत सरकार द्वारा युवाओं में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जाने वाली एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है। इस बार विश्वजीत ने बिहार के पटना में आयोजित इस आयोजन में बॉक्सिंग के सिल्वर मेडल के साथ अपने खेल की गूंज बनाई।

विश्वजीत ने इस प्रतियोगिता में अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा और बिहार के शीर्ष खिलाड़ी को मात देते हुए फाइनल में जगह बनाई। हालांकि अंतिम मुकाबले में वे गोल्ड मेडल तो जीत नहीं पाए, लेकिन सिल्वर मेडल जीत कर जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर चमका दिया।


विश्वजीत की संघर्ष यात्रा और प्रशिक्षण

विश्वजीत चौधरी वहलना गांव के चौधरी हरेंद्र के पुत्र हैं, जो खुद एक किसान हैं। परिवार की सीमित आर्थिक स्थिति के बावजूद विश्वजीत ने खेलों में अपनी प्रतिभा और मेहनत से सफलता की सीढ़ी चढ़ी है।

उनके कोच गौरव सागवान बताते हैं कि विश्वजीत पिछले तीन वर्षों से जाट कॉलेज के पास कोचिंग सेंटर में निरंतर अभ्यास कर रहे हैं। शारदेन पब्लिक स्कूल के छात्र विश्वजीत ने हाल ही में कक्षा 12 की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है।

कोच गौरव ने कहा, “विश्वजीत में बॉक्सिंग के लिए जबरदस्त जूनून है। वह नियमित अभ्यास के साथ-साथ फिटनेस पर भी विशेष ध्यान देता है। भविष्य में वह भारत के लिए एक बड़े बॉक्सर के रूप में उभरेगा।”


मुजफ्फरनगर में खेलों को लेकर बढ़ता उत्साह

मुजफ्फरनगर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से जब कोई युवा राष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर का प्रदर्शन करता है, तो स्थानीय युवाओं में खेलों के प्रति रुचि बढ़ती है। विश्वजीत की जीत ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जनपद को गर्व महसूस कराया है।

वहीं, स्थानीय समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जिया चौधरी, भाकियू जिला अध्यक्ष नवीन राठी और अन्य गणमान्य लोगों ने विश्वजीत का फूलमालाओं से भव्य स्वागत कर उनका हौसला बढ़ाया।


खेलों की दुनिया में किसान बेटों की बढ़ती चमक

मोरना और मुजफ्फरनगर जैसे इलाकों के किसान परिवारों के बच्चों का खेलों में नाम कमाना प्रेरणादायक साबित हो रहा है। खेती के साथ-साथ खेलों में भी इन युवाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

यहाँ के युवा विश्वजीत जैसे खिलाड़ी बन कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। सरकार द्वारा भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनसे ग्रामीण क्षेत्रों के युवा लाभान्वित हो रहे हैं।


विश्वजीत के परिवार और समाज का उत्साह

विश्वजीत के माता-पिता हरेंद्र और रंजू, साथ ही उनके ताऊजी नरेंद्र और सतेंद्र, परिवार के अन्य सदस्य बबलू (उपदेश), सोनू (आदेश), मोनू, शुभम समेत पूरा परिवार उनकी इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहा है।

इसके अलावा, स्थानीय खेल अधिकारी भूपेंद्र सिंह यादव, देवेंद्र चेयरमैन, अंकुर, अशोक और इंद्रपाल जैसे कई लोग भी इस उपलब्धि को बेहद खास मान रहे हैं।


बॉक्सिंग में भविष्य के सपने: विश्वजीत की सोच और आकांक्षाएं

विश्वजीत का कहना है कि वे अभी रुके नहीं हैं। उनका लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में गोल्ड मेडल जीत कर भारत को विश्व बॉक्सिंग मानचित्र पर और ऊंचा ले जाना है। उनके कोच गौरव सागवान ने भी विश्वजीत की मेहनत और लगन को देखते हुए विश्वास जताया है कि वे आने वाले समय में एक बड़े खिलाड़ी के रूप में उभरेंगे।

उनका संघर्ष और सफलता कहानी साबित करती है कि कठिन मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी खिलाड़ी अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है।


राष्ट्रीय खेलों में मुजफ्फरनगर का नाम: एक नई पहचान

मुजफ्फरनगर जिला, जो अपने कृषि और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, अब खेलों के क्षेत्र में भी तेजी से उभर रहा है। विश्वजीत की उपलब्धि ने खेलो इंडिया जैसे बड़े मंच पर जिले की छवि को और मजबूती दी है।

यह सफलता अन्य खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनी है, जो अपने जिले का नाम रौशन करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।


खेलों का महत्व और सरकार की पहलें

खेलो इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से सरकार ने खेल प्रतिभाओं को नई दिशा दी है। यह योजना युवाओं को खेलों में अवसर प्रदान करने, खेल बुनियादी सुविधाओं का विकास करने और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी तैयार करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई है।

मुजफ्फरनगर जैसे जिले में ऐसे युवा खिलाड़ियों की बढ़ती संख्या से स्पष्ट होता है कि खेलों के प्रति रुचि बढ़ रही है और सरकारी योजनाएं जमीन पर उतर रही हैं।


आगे की राह: विश्वजीत और अन्य खिलाड़ियों के लिए उम्मीदें

विश्वजीत की इस सफलता ने पूरे मुजफ्फरनगर में खेलों के प्रति नये जोश को जगाया है। आने वाले वर्षों में विश्वजीत जैसे कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे।

खेलों में ऐसी उपलब्धियां ग्रामीण भारत के लिए एक बड़ा संदेश हैं कि मेहनत और समर्पण से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। मुजफ्फरनगर और मोरना के युवा अब सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि खेलों की दुनिया में भी अपनी चमक बिखेरेंगे।


मुजफ्फरनगर के किसान बेटे विश्वजीत चौधरी ने खेलो इंडिया बॉक्सिंग में सिल्वर मेडल जीतकर जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। उनके खेल और मेहनत की कहानी पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा स्रोत है। आने वाले समय में ऐसे युवा खेलों के माध्यम से भारत का गौरव बढ़ाते रहेंगे।

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *