मोरना। कार्तिक माह के अंतर्गत आयोजित गंगा स्नान मेले के समापन पर जहां Muzaffarnagar प्रशासन ने राहत की सांस ली, वहीं मेले के दौरान फैली गंदगी को लेकर एक बड़ा स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। इस अभियान के तहत स्वच्छता कर्मचारियों ने तीर्थ नगरी शुकतीर्थ के गंगा घाट, बांध मार्ग और अन्य मुख्य मार्गों पर सफाई का कार्य शुरू किया। कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली महोत्सव के मौके पर शुकतीर्थ को नीट एन्ड क्लीन रखने का प्रयास किया गया था, लेकिन मेले के बाद इलाके में फैलने वाली गंदगी को हटाने के लिए यह अभियान और भी जरूरी हो गया था।
शुकतीर्थ और अन्य कार्यक्रमों में स्वच्छता का ध्यान
इस वर्ष के कार्तिक गंगा स्नान मेले के दौरान शुकतीर्थ क्षेत्र में भागवत मोक्षकुम्भ का आयोजन हुआ था, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गायक कैलाश खैर ने अपनी प्रस्तुतियों से वातावरण को संगीतमय बनाया। इस दौरान, मेले के आयोजकों ने तीर्थ नगरी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास किए थे। लेकिन मेले के समापन के बाद, इलाके में फैली गंदगी को दूर करने के लिए प्रशासन ने एक बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया।
वृहद स्वच्छता अभियान की कार्यवाही
गुरुवार को आयोजित वृहद स्वच्छता अभियान में ब्लॉक मोरना और सदर ब्लॉक मुजफ्फरनगर के सफाई कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अभियान के अंतर्गत गंगा घाटों, बांध मार्ग, और मुख्य मार्गों की सफाई की गई। सफाई कर्मचारियों ने गंगा घाट को पूरी तरह से साफ किया, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
सफाई कर्मचारियों की प्रशंसा
देव दीपावली के अवसर पर, जिलाधिकारी उमेशचंद मिश्रा ने सफाई कर्मचारियों की सराहना की और उन्हें स्वच्छता बनाए रखने के लिए उनकी मेहनत और समर्पण के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों ने मेले के बाद के कठिन समय में भी तीर्थ नगरी को साफ-सुथरा रखने में अहम भूमिका निभाई। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि इस तरह के प्रयासों से शुकतीर्थ के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ावा मिलेगा, और श्रद्धालु यहां आकर स्वच्छ वातावरण का अनुभव करेंगे।
स्वच्छता अभियान में शामिल कर्मचारी और टीम लीडर्स
स्वच्छता अभियान में पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों के अलावा, कई महत्वपूर्ण लोग भी शामिल थे। टीम लीडर जयपाल सिंह, मनोज कुमार, रामकुमार, अमित कुमार, राजो देवी, सुधा, कैलाश देवी, संजीव, मधु, ममतेश, कुसुम, बबीता, सरिता, धर्मेंद्र, मुनेश, मंजू, बाला, अनिता आदि ने इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया। इन कर्मचारियों ने अपनी पूरी मेहनत से गंगाघाट और आसपास के क्षेत्र को साफ किया, जिससे मेले के बाद पर्यावरण की सफाई सुनिश्चित हुई।
स्वच्छता अभियान का समाज पर प्रभाव
इस वृहद स्वच्छता अभियान से न केवल शुकतीर्थ को साफ किया गया, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी पहुंचाया गया। यह अभियान लोगों को यह बताता है कि स्वच्छता केवल प्रशासन का काम नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक नागरिक को इस कार्य में भागीदार बनना चाहिए। जब समुदाय मिलकर काम करता है, तो इससे न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि पर्यावरण भी बेहतर रहता है।
नवीनतम स्वच्छता प्रयासों की आवश्यकता
यह अभियान यह दर्शाता है कि स्वच्छता को केवल उत्सवों और विशेष अवसरों तक सीमित नहीं रखना चाहिए। समाज को यह समझना होगा कि हर दिन स्वच्छता बनाए रखना एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें सभी को सहयोग देना चाहिए। जैसे ही इस अभियान ने परिणाम दिखाए, प्रशासन ने आश्वासन दिया कि इस प्रकार के प्रयास भविष्य में भी लगातार किए जाएंगे, ताकि शुकतीर्थ और अन्य धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।
निष्कर्ष और आगे के कदम
स्वच्छता अभियान के सफल संचालन के बाद, प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस प्रकार के आयोजन और स्वच्छता अभियान समय-समय पर चलते रहें। इसके अलावा, जनता से भी आग्रह किया गया है कि वे स्वच्छता को अपनी जिम्मेदारी समझें और प्रशासन का सहयोग करें। इस अभियान से साफ संदेश जाता है कि जब प्रशासन और जनता मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी जगह को साफ और स्वच्छ बनाना संभव हो जाता है।
मोरना में इस स्वच्छता अभियान के जरिए यह सिद्ध हो गया है कि समाज की स्वच्छता के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। प्रशासन और सफाई कर्मचारियों की टीम की सराहना करते हुए यह संदेश दिया गया है कि शुकतीर्थ जैसे धार्मिक स्थल को स्वच्छ रखने के लिए हर किसी को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। सफाई कर्मचारियों ने अपनी मेहनत से गंगा घाटों को नीट एन्ड क्लीन किया और इस कार्य में सभी नागरिकों से भी सहयोग की उम्मीद जताई गई।
