Muzaffarnagar से बड़ी खबर सामने आई है जहाँ मोहर्रम की शुरुआत से पहले जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। प्रशासनिक स्तर पर सख्ती बरती जा रही है और माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।
खालापार में निकला भव्य फ्लैग मार्च, अफसरों ने लिया सुरक्षा का जायज़ा
मोहर्रम के मद्देनजर जिले में तनाव की कोई संभावना न रहे, इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। सिटी मजिस्ट्रेट पंकज कुमार राठौर और सीओ सिटी राजू कुमार साव के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च का आयोजन किया गया। यह मार्च खालापार के फक्कर शाह चौक से प्रारंभ हुआ और जैनबिया स्कूल, किदवई नगर होते हुए संपन्न हुआ।
खालापार कोतवाली प्रभारी महावीर चौहान और शहर कोतवाली प्रभारी सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी इस मार्च में शामिल रहे। यह आयोजन महज़ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है कि जिले में कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
ड्रोन से निगरानी, संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी निगाह
सीओ सिटी राजू कुमार साव ने बताया कि 27 जून से मोहर्रम माह की शुरुआत हो चुकी है और मजलिसों का दौर भी शुरू हो चुका है। आने वाले दिनों में ताजिए और जुलूस निकलने हैं। ऐसे में खालापार, किदवई नगर, जैनबिया क्षेत्र जैसे संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि फ्लैग मार्च के दौरान क्षेत्र की स्थिति का मूल्यांकन किया गया और जहां भी खामियां पाई गईं — जैसे सड़क पर अव्यवस्था, खराब स्ट्रीट लाइट या सफाई में कमी, वहां संबंधित विभागों — नगर पालिका और बिजली विभाग — को सूचित कर सुधार के आदेश दे दिए गए हैं।
शिया धर्मगुरु रौनक हसनैन जैदी का बड़ा बयान: “मोहर्रम में भड़काऊ भाषण की कोई जगह नहीं”
इस अवसर पर शिया समुदाय के प्रमुख धर्मगुरु रौनक हसनैन जैदी ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि मोहर्रम केवल मातम और ग़म का महीना है, इसमें किसी भी प्रकार की भड़काऊ बात या भाषण की कोई जगह नहीं होती।
उन्होंने कहा,
“यह समय इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में ग़म मनाने का है। हमारी मजलिसों में इंसानियत और बलिदान की बातें होती हैं, न कि किसी समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काना। हम सौहार्द और भाईचारे के पक्षधर हैं।”
प्रशासन की सख्त हिदायत: “शांति से निकालें जुलूस, खुराफात बर्दाश्त नहीं”
प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि कोई भी जुलूस या मजलिस शांति और सौहार्द के वातावरण में आयोजित की जाए। किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सीओ सिटी ने साफ कहा,
“जो भी व्यक्ति माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस हर स्तर पर सतर्क है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।”
बढ़ते तनाव को लेकर सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखी जा रही है। फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए साइबर सेल को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।
पुलिस का पैदल मार्च बना चर्चा का विषय
शहर में निकला फ्लैग मार्च केवल एक सुरक्षा अभ्यास नहीं था, बल्कि शहरवासियों के मन में भरोसा भरने का प्रयास भी था। स्थानीय नागरिकों ने भी पुलिस के इस क़दम की सराहना की। लोगों का कहना है कि इस तरह की पहल से असामाजिक तत्वों पर नकेल कसना आसान होता है।
स्थानीय प्रशासन का संदेश: “सभी धर्मों का सम्मान करो, शहर हमारा है”
अधिकारियों ने यह भी कहा कि मुजफ्फरनगर जैसे संवेदनशील शहर में आपसी समझ और सौहार्द से ही शांति कायम रह सकती है। पुलिस और प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय के साथ संवाद बढ़ाने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया है।
मोहर्रम की तैयारी: स्वास्थ्य, साफ-सफाई और लाइटिंग पर विशेष ध्यान
जुलूस मार्गों पर साफ-सफाई, बिजली की व्यवस्था, टेंट, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र आदि की व्यवस्था के लिए नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और आपातकालीन सेवा विभाग को निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने की तैयारी
धार्मिक नेताओं के साथ प्रशासन की बैठकें शुरू हो चुकी हैं। मस्जिदों और इमामबाड़ों के ट्रस्टियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपने स्तर पर भी सुरक्षा और सौहार्द बनाए रखें। हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सामूहिक बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिससे आपसी विश्वास और भाईचारा बढ़ाया जा सके।