बांदा जिले के बबेरू कस्बा में सोमवार को रंग बिरंगे कपड़ों से सजी बैलगाड़ियों से दुल्हन की विदाई कराने बराती निकले। बैलगाड़ियों वाली बरात पर जिसकी भी नजर पड़ी उसके ही जेहन में परंपराएं ताजी हो गईं। बरात करीब दो किमी की दूरी तय कर शादी स्थल वासुदेव सिंह मेमोरियल इंटर कॉलेज पहुंची।

बबेरू कस्बा निवासी भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विजय विक्रम सिह के भांजे अलोक प्रताप की शादी भदवारी गांव निवासी उत्तम की बेटी सारिका से तय हुई थी। सोमवार को शादी होनी थी। दोनों पक्षों ने कस्बा के वासुदेव सिंह मेमोरियल इंटर कॉलेज में शादी की रस्मों को पूरा करने के लिए चुना था।

इसके चलते सारिका और उसके परिजन स्कूल में पहले से ही पहुंच गए थे। स्कूल से विजय विक्रम के घर की दूरी करीब दो किलो मीटर है। शादी स्थल के लिए बरात शाम छह बजे रवाना होनी थी। लेकिन सुबह से ही विजय विक्रम के घर के बाहर बैल गाड़ियां आने का सिलसिला शुरू हो गया।



इससे आसपास के लोगों में जिज्ञासा बढ़ गई। विजय ने बताया कि दूल्हा समेत सभी बराती बैलगाड़ी से ही दुल्हन की विदाई कराने जाएंगे। उनके इन शब्दों ने पुराने जमाने की बरात की यादों को ताजा कर दिया। विजय विक्रम सिंह ने बताया कि दूल्हा व दुल्हन एमएससी कर रहे हैं।


दोनों से बरात को बैलगाड़ियों से ले जाने को लेकर राय ली गई थी। दोनों काफी उत्साहित हैं। मंगलवार को दुल्हन की विदाई भी बैलगाड़ी से ही हुई। विजय विक्रम ने बताया कि भांजा आलोक मलवा फतेहपुर का रहने वाला है। वह बचपन से ही मेरे पास रहता है।


यहीं पढ़ लिखकर बड़ा हुआ है। ऐेसे में उसकी शादी को यादगार बनाने के लिए मैने बैलगाड़ियों से बरात ले जाने का निर्णय किया था। दूल्हे ने कहा कि आज मैं पूरी लाइफ में पहली बार बैलगाड़ी पर बैठा हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। परिवार का मन था कि हम पुरानी परंपराओं और रीति-रिवाजों से शादी करें।


वैसे ही किया जा रहा है। मुझे बहुत खुशी है कि हम अपने पूर्वजों द्वारा बनाई गई रीति-रिवाजों को भूल नहीं हैं। वहीं बारातियों ने भी कहा कि हम भी पहली बार बैलगाड़ी पर बैठे हैं, लेकिन बहुत खुशी महसूस हो रही है। हम चाहते हैं कि युवा पीढ़ी अपनी परंपरओं और संस्कृति को आत्मसात करे।




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