डी.ए.वी. कॉलेज, Muzaffarnagar में आयोजित दो दिवसीय युवा उद्यमिता उत्सव का समापन 18 अक्टूबर 2025 को हुआ, जिसने कॉलेज के छात्रों और स्थानीय उद्यमियों के बीच नवाचार और आत्मनिर्भरता की एक नई लहर पैदा की। इस उत्सव के अंतर्गत स्वरोजगार प्रोत्साहन मेला आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए प्रेरित करना था।

समापन समारोह की अध्यक्षता कॉलेज प्रबंधन समिति के सचिव डॉ. एम.के. बंसल ने की, जिन्होंने युवा उद्यमियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज का छात्र केवल नौकरी की तलाश नहीं करता, बल्कि वह नौकरी देने का सामर्थ्य रखता है। यह बयान भारतीय समाज में बढ़ते स्वरोजगार और उद्यमिता के प्रति बढ़ते रुझान को सही ठहराता है। उनके अनुसार, शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबों तक सीमित नहीं रह सकता; छात्रों को वास्तविक जीवन में आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में मार्गदर्शन मिलना चाहिए।

कॉलेज की प्राचार्या प्रो. गरिमा जैन ने भी इस समापन समारोह में उपस्थित होकर छात्रों के प्रयासों को सराहा। उन्होंने कहा, “हमारे छात्रों का नवाचार न केवल कॉलेज के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह समाज को भी एक सकारात्मक संदेश भेजता है कि युवा अब केवल नौकरी की तलाश नहीं कर रहे, बल्कि नए विचारों और दृष्टिकोणों के साथ अपना व्यवसाय शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।” उनके अनुसार, कॉलेज भविष्य में ऐसे कई और मंच प्रदान करेगा, जिससे छात्रों के उद्यमशीलता कौशल को निखारा जा सके।

समापन समारोह में प्रोफेसर अर्चना धामा, प्रो. संगीता श्रीवास्तव, और आयोजन समिति के अन्य सदस्यों का भी आभार व्यक्त किया गया। इन सभी ने मिलकर मेले को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। प्रो. कल्पना सिंह, प्रो. रेखा रानी, सविता कुमारी, प्रो. संध्या जैन, प्रो. रिचा मित्तल, कनीज हुसैन, अंशु बंसल, और प्रो. मंजु चैहान के अथक प्रयासों के कारण ही यह उत्सव शानदार रूप से संपन्न हो सका।


युवाओं में दिखी आत्मनिर्भरता की झलक
यह उत्सव स्वरोजगार प्रोत्साहन मेला के रूप में एक अद्वितीय मंच साबित हुआ। मेले में छात्रों ने विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए थे, जिनमें खादी सामग्री, पारंपरिक खाद्य पदार्थ, और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद शामिल थे। विशेष रूप से खादी सामग्री और पारंपरिक खाद्य पदार्थों के स्टॉल ने सबका ध्यान आकर्षित किया। इन स्टॉलों में छात्रों के उत्पादों की गुणवत्ता और रचनात्मकता ने आगंतुकों को प्रभावित किया।

स्थानीय उद्यमियों ने भी इस मेले में भाग लिया और छात्रों को अपनी उद्यमिता यात्रा के बारे में बताया। यह मेले ने उन्हें अपने विचारों और अनुभवों को साझा करने का एक बेहतरीन मौका दिया। इस प्रकार के आयोजनों से स्थानीय उद्योग और छोटे व्यवसायों को भी प्रोत्साहन मिलता है, जो हमारे समाज में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है।

प्रोफेसर वेदपाल सिंह, प्रोफेसर विपिन जैन, डॉ. कुलदीप सिंह, और डॉ. सत्येंद्र कुमार जैसे प्रतिष्ठित शिक्षाविदों की उपस्थिति ने इस उत्सव को और भी गरिमा प्रदान की। इन सभी ने युवा उद्यमियों की हिम्मत और सोच को सराहा और उन्हें अपना समर्थन दिया।


नवाचार और रचनात्मकता की बढ़ती ओर बढ़ते कदम
आजकल के युवा उद्यमी पारंपरिक बिजनेस मॉडल से बाहर निकलकर नई और अनोखी सोच के साथ अपने व्यवसाय की शुरुआत कर रहे हैं। इसके उदाहरण के रूप में कई छात्रों ने न केवल उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान दिया, बल्कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन मार्केटिंग जैसी नीतियों का भी इस्तेमाल किया। इससे उनके उत्पादों की पहुंच न केवल कॉलेज तक सीमित रही, बल्कि पूरे देश में फैल गई।

इसके अलावा, छात्रों ने नए व्यवसायों को स्थापित करने के लिए जो नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया, वह भी काबिले तारीफ था। उनके पास केवल पुराने विचारों का पालन करने के बजाय, एक नवीनतम तकनीकी दृष्टिकोण था, जो इस मेला की सफलता का मुख्य कारण था।


समाज में उद्यमिता की ताकत
हमारे समाज में, जहां परंपरागत रूप से सरकारी नौकरियों को ही सफलता का पैमाना माना जाता है, वहीं अब युवा उद्यमिता के क्षेत्र में कदम रख रहे हैं। उनका यह कदम उनके आत्मविश्वास और सफलता की ओर बढ़ते हुए यात्रा को दर्शाता है। यह उत्सव इस बात का प्रमाण है कि युवा उद्यमिता को न केवल प्रोत्साहित किया जा रहा है, बल्कि समाज भी इसे गंभीरता से अपना रहा है।

स्वरोजगार और आर्थिक स्वतंत्रता के बढ़ते कदम, खासकर कॉलेज परिसरों में, एक नई दिशा को दिखाते हैं। कॉलेज के छात्र अब केवल शिक्षित नहीं हो रहे, बल्कि वे आत्मनिर्भरता के एक नए युग की ओर अग्रसर हो रहे हैं। यह पूरी प्रक्रिया समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती है।

समाज में युवा उद्यमिता का बढ़ता हुआ योगदान न केवल छात्रों के लिए एक अवसर है, बल्कि यह समाज को भी एक नई दिशा में मार्गदर्शन दे रहा है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाले समय में हमारे युवा आत्मनिर्भर हों और देश के विकास में अपना योगदान दें। यह उत्सव भविष्य के उद्यमियों को प्रेरित करने के साथ-साथ पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।



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