Easy to run bulldozers on the property of criminals in up

चलता बुलडोजर। सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश में अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने के लिए केवल एक मुकदमा होना पर्याप्त होगा। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद किसी भी अपराधी के खिलाफ यदि केवल एक मुकदमा दर्ज है, तो भी उस पर उप्र गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा सकेगी।

बता दें कि इस अधिनियम के तहत पुलिस अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करती है। अपराध के जरिए अर्जित इन संपत्तियों पर बुलडोजर भी चलाया जाता है।

डीजीपी विजय कुमार द्वारा इस बाबत मातहतों को दिए निर्देशों में कहा गया कि हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष यह विषय विचार हेतु प्रस्तुत हुआ कि क्या एक ही अपराध के आधार पर अभियुक्तों के विरुद्ध उप्र गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के अधीन कार्यवाही की जा सकती है।

उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद 4 अगस्त को जारी आदेश में इसे सही ठहराया है। बीते वर्ष उच्चतम न्यायालय ने भी इस सिद्धांत को स्वीकार किया था। डीजीपी ने समस्त पुलिस आयुक्त एवं जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया है कि वह उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों का संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करें।



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