UP: SIT will investigate depositing NPS amount in private banks

एनपीएस के मुद्दे पर शिक्षक आक्रोशित हैं। फाइल फोटो।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


नई पेंशन स्कीम की राशि निजी बैंकों में जमा करने के मामले की एसआईटी से जांच कराई जाएगी। विधान परिषद में नेता सदन व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी हाल में नहीं बख्शेगी। विधान परिषद में 2090 तदर्थ शिक्षकों को हटाए जाने का मुद्दा भी छाया रहा।

विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एनपीएस में शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत कटौती होती है, जबकि 14 प्रतिशत राशि राज्य सरकार जमा करती है। जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से यह राशि एनएसडीएल संस्था के पास जमा की जाती है। यह संस्था एसबीआई, एलआईसी और यूटीआई में निवेश करती है।

वर्तमान में स्थिति यह है कि एडेड माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की बिना सहमति लिए यह राशि निजी बैंकों में जमा कर दी गई। दो दर्जन से अधिक जिलों लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, अलीगढ़, इटावा, बलरामपुर, कासगंज, बिजनौर, रामपुर, देविरया, गाजियाबाद, अम्बेडकरनगर, चित्रकूट, फतेहपुर, मेरठ, आगरा, बाराबंकी और सोनभद्र आदि में नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। 

ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने पीठ से गुहार लगाते हुए कहा कि पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि पूरे प्रकरण में एक भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि इससे बड़ा भ्रष्टाचार सदन में आज तक नहीं हुआ। इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। इसलिए प्रकरण की जांच एसआईटी से कराने की सिफारिश कर दी गई है। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि जांच जल्दी और समयबद्ध ढंग से पूरी की जानी चाहिए। सरकार निजी बैंकों में जमा राशि को सरकारी बैंकों में जमा करवाने पर भी विचार करे।

सरकार ने कहा-सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हटे तदर्थ शिक्षक

सपा के सदस्य डॉ. मान सिंह यादव व लाल बिहारी यादव और निर्दल समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल व डॉ. आकाश अग्रवाल ने एडेड माध्यमिक विद्यालयों में 9 नवंबर को 2090 तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्ति का मुद्दा उठाया। डॉ. मान सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करते हुए यह कार्रवाई की गई है। चंदेल ने कहा कि उम्र के इस पड़ाव पर ये शिक्षक अब कहां जाएं। पहले से ही शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद खाली हैं। सरकार का पक्ष रखते हुए नगर विकास व ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थता को बनाए रखने को उचित नहीं बताया है। इन शिक्षकों को चयन प्रक्रिया में शामिल कराते हुए भी अवसर दिया गया। जो चयनित नहीं हो सके, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हटाया गया है। इसके अलावा बसपा सदस्य भीमराव अंबेडकर ने कुशीनगर के ग्राम भरवलिया में अनुसूचित जाति के महेश की जमीन गलत ढंग से हथियाने का मामला उठाया।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *