बिजली बिल राहत योजना ( ओटीएस ) लागू होने के तीसरे दिन बृहस्पतिवार को बकायेदार पंजीकरण आए। मगर, छूट लेने के लिए जो हुजूम उमड़ना चाहिए वह नहीं हो रहा है। इसकी वजह छूट के मानक तय करने में चूक मानी जा रही है। हालांकि, मोटी रकम वाले बकायेदारों में बाकी रकम जमा करके नो-ड्यूज प्रमाण पत्र लेने में जुटें हैं। बृहस्पतिवार को मलिहाबाद के बाल गोविंद ने तीन लाख रुपये की देनदारी को महज 73,988 रुपये जमा करके मुक्त हो गए।

अमौसी जोन के मुख्य अभियंता महफूज आलम ने बताया कि बाल गोविंद का कुल बिल 3,07732 रुपये का था। पंजीकरण कराने पर 2,33,744 रुपये की छूट मिली, जिसमें 24,236 रुपये मूल बिल की रकम शामिल हैं। लखनऊ मध्य जोन के मुख्य अभियंता रवि कुमार अग्रवाल ने बताया कि फजलनगर निवासी अफसर मिर्जा पर बिजली चोरी मद में 1,15,544 रुपये का जुर्माना बकाया था। 

अफसर मिर्जा ने बृहस्पतिवार 50 फीसदी की छूट हासिल कर 65,544 रुपये जमा कर दिए। जानकीपुरम जोन के मुख्य अभियंता वीपी सिंह ने बताया कि जानकीपुरम निवासी जहीर अहमद के दो और बीकेटी निवासी निर्मला वर्मा, गिरधारी, शैलेंद्र यादव के एक-एक बिजली चोरी के जुर्माना पर छूट लेने के लिए पंजीकरण कराया गया। बीकेटी के तीनों उपभोक्ताओं ने जुर्माना को जमा कर दिया है। जहीर पर दो अलग-अलग केस में करीब 10 लाख रुपये का जुर्माना बकाया है। गोमतीनगर जोन के मुख्य अभियंता सुशील गर्ग के मुताबिक बृहस्पतिवार बिजली चोरी के पांच मामले पंजीकृत होने पर 1.48 लाख रुपये जमा हुए।



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