
सिवेट कैट
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आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टाफ ने परिसर में रखे बिजली जनरेटर के अंदर फंसी सिवेट कैट को देखा। जानवर की मदद को लेकर चिंतित, कॉलेज स्टाफ ने तुरंत एनजीओ की आपातकालीन बचाव हेल्पलाइन पर वाइल्डलाइफ एसओएस से संपर्क साधा, जिसके बाद वाइल्डलाइफ एसओएस से दो सदस्यीय रैपिड रिस्पांस यूनिट कॉलेज परिसर पहुंची। उन्होंने जनरेटर के भीतर फंसे हुए सिविट का पता लगाया और बचाव अभियान को अंजाम दिया। अत्यंत सावधानी और सटीकता के साथ, टीम ने कुशलतापूर्वक उसे खतरनाक स्थिति से बाहर निकाला।
रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त होने के बाद एनजीओ के विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की टीम ने सिविट की सावधानीपूर्वक जांच की, जिसके बाद उसे उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया। वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एमवी ने कहा कि “यह एक बेहद नाजुक ऑपरेशन था, क्योंकि बिजली जनरेटर के भीतर कैद होने के कारण सिविट कैट का जीवन अधर में लटका हुआ था। हमारी टीम द्वारा समय पर किया गया हस्तक्षेप इस संरक्षित प्रजाति की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रहा।”
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि “आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज की घटना एक और उदाहरण है कि लोग शहरी वातावरण में रहने वाले वन्यजीवों के प्रति सहानुभूति और चिंता व्यक्त कर रहे हैं। हमारी रैपिड रिस्पांस यूनिट ऐसे जरूरतमंद जानवरों को बचाने और पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है।”
जानकारी दी गई कि एशियन पाम सिविट, जिसे टोडी कैट भी कहा जाता है, एक लंबी नेवले जैसा दिखाई देने वाला जीव है, जो विभिन्न प्रकार के आवास और परिस्थिति में जीवित रहता है। यह दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया का मूल निवासी है और यह प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची II के तहत संरक्षित है।