UP: Order to declare rural feeder as urban withdrawn

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

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 पावर कारपोरेशन के निर्देश पर बिजली कंपनियों ने ग्रामीण फीडर को अधिक बिजली देने के नाम पर शहरी फीडर घोषित करने का आदेश वापस ले लिया है। ऐसे में मनमानी तरीके से आदेश करने वाले विभाग के अफसर पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

प्रदेश में मैनपुरी, जालौन, बुलंदशहर सहित कई जिलों में ग्रामीण इलाके के बिजली उपभोक्ताओं से शहरी दर पर बिजली बिल वसूली की गई। मामले की जानकारी मिलने पर उपभोक्ता परिषद में नियामक आयोग में में याचिका लगा दी। आयोग ने पावर कारपोरेशन को तलब किया तो विद्युत वितरण निगम ने अधिक वसूली वाले फीडर को शहरी घोषित करने का आदेश दे दिया।

मामले की जानकारी मिलने पर उपभोक्ता परिषद ने विरोध किया। परिषद ने नियामक आयोग और मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर बताया कि ग्रामीण फीडर को शहरी फीडर घोषित नहीं किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार व निदेशक वाणिज्य अमित कुमार श्रीवास्तव से अलग-अलग मुलाकात की थी।

उनसे इस मामले में नियमानुसार कार्यवाही की मांग उठाई थी। इसी क्रम में अपना गला फंसते देख पावर कारपोरेशन के अफसरों ने शुक्रवार को नया आदेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया कि जिन फीडर को शहरी करने का आदेश दिया गया है उसे यथावत रखा जाए।

क्षेत्रीय अभियंताओं के पास पहुंचा आदेश

पावर कारपोरेशन के निर्देश पर शुक्रवार शाम बिजली कंपनियों ने अपना आदेश स्थगित करने का संशोधित आदेश जारी करना शुरू किया। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने सबसे पहले अपने आदेश को स्थगित कर सभी क्षेत्रीय अभियंताओं को सूचना भेजी है। अन्य बिजली कंपनियों के आदेश भी स्थगित होना शुरू हो गए हैं।

उपभोक्ताओं के हितों की नहीं होने देंगे अनदेखी

प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा चाहे वह प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता हो या फिर प्रदेश की बिजली कंपनियां सभी को कानून के दायरे में रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करना है। कोई भी कानून के दायरे से बाहर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं पर कोई भी बोझ नहीं डाल सकता है। क्षेत्रीय अभियंताओं की मनमानी करके शहरी बिलिंग की वसूली की गई है। आने वाले समय में ऐसे सभी क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के साथ निश्चित तौर पर न्याय होगा। पावर कॉरपोरेशन रिपोर्ट मंगा रहा है और जैसे ही विद्युत नियामक आयोग को रिपोर्ट सौंपेगा। अगले चरण में विद्युत उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की धनराशि के समायोजन की मांग उपभोक्ता परिषद करेगी।



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