UP: Doctor who went out of OPD during duty time will get notice

ओपीडी के बाहर लंबी लाइनों पर भी मांगा जाएगा जवाब।
– फोटो : अमर उजाला

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जिला अस्पताल की ओपीडी से डॉक्टर गायब हो गए और उनके कमरे के बाहर मरीजों की लाइन लगी है अथवा वार्ड में कुत्ता घूम रहा है तो तत्काल संबंधित अस्पताल के अधीक्षक को नोटिस मिलेगी। दो घंटे के अंदर समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो कार्रवाई की जद में आ जाएंगे। उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा और विभागीय कार्रवाई शुरू हो जाएगी। यह संभव हो रहा है एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र की स्थापना से। इस व्यवस्था का ट्रायल पूरा हो गया है। अब 24 अगस्त को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इसका विधिवत उद्घाटन करेंगे।

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की निगरानी बढ़ाने के लिए नई पहल शुरू की गई है। स्वास्थ्य महानिदेशालय में स्थापित एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी)से पहले चरण में जिला स्तरीय 108 अस्पतालों को जोड़ा गया है। अस्पताल ऑनलाइन पैरामीटर मूल्यांकन (होप) के तहत इन अस्पतालों में 16 जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिन्हें महानिदेशालय में स्थापित केंद्र से जोड़ा गया है। इस केंद्र से अस्पताल के सभी 16 स्थानों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। इसके लिए 40 कर्मियों की टीम लगी है। टीम से मिलने वाले इनपुट का निस्तारण करने के लिए संयुक्त निदेशक स्तर के तीन अधिकारियों को भी तैनात किया गया है।

कैसे हो रही निगरानी

स्वास्थ्य महानिदेशालय में स्थापित सेंटर से चिन्हित 108 अस्पतालों के 16 स्थानों को हर पल देखा जा रहा है। यह टीम पर्चा काउंडर, ओपीडी, वार्ड, आईसीयू, पैथोलॉजी, ब्लड बैंक, ओटी कॉम्प्लेक्स, मरीज लॉबी, नर्सिंग स्टेशन, व्हीलचेयर व स्ट्रेचर स्थल, दवा काउंटर, कैंटीन, मुख्य गेट, इमरजेंसी आदि शामिल हैं। यदि किसी डॉक्टर के कमरे के बाहर मरीजों की भीड़ लगी है। डॉक्टर चेंबर में नहीं हैं तो कमांड सेंटर से संबंधित अस्पताल के अधीक्षक व निदेशक को मैसेज भेजा जाएगा। 

30 मिनट में समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो संयुक्त निदेशक व निदेशक (प्रशासन) को सूचना भेज दी जाएगी। वह अधीक्षक को निर्देश देंगे। इसके बाद भी समस्या निस्तारित नहीं हुई तो अगले 30 मिनट बाद अधीक्षक को महानिदेशालय से स्पष्टीकरण जारी कर दिया जाएगा। अलग दो घंटे में समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो महानिदेशक को प्रकरण की जानकारी देते हुए लिखित विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके तहत जिम्मेदार व्यक्ति को प्रतिकूल प्रविष्टि मिलेगी।

ट्रायल के बाद निरंतर हो रहा सुधार

महानिदेशालय में स्थापित केंद्र से माहभर से ट्रायल चल रहा है। सूत्रों की मानें तो पहले दिन जहां 108 अस्पतालों से करीब एक हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई थीं, वहीं अब इनकी संख्या 300 के आसपास आ गई है। खास बात यह है कि पिछले सप्ताहभर से एक भी मामले में प्रतिकूल प्रविष्टि देने की नौबत नहीं आई है।

24 को होगा उद्घाटन

स्वास्थ्य महानिदेशालय के चौथी मंजिल पर स्थापित आईसीसीसी के हॉस्पिटल आनलाइन पैरामीटर इवैल्यूएशन (होप) का उद्घाटन 24 अगस्त को सुबह 10 बजे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक करेंगे। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। महानिदेशालय को चमकाया जा रहा है। सोमवार को महानिदेशक की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र का व्यापक असर दिख रहा है। चिन्हित किए गए अस्पतालों की व्यवस्थाओं में निरंतर सुधार हुआ है। ट्रायल के दौरान पहले जिन अस्पतालों में सभी 16 सीसीटीवी कैमरे से समस्या चिन्हित की गई थी, वहीं अब इनकी संख्या एक से दो पर आ गई है। इसमें भी निरंतर सुधार हो रहा है।- पार्थ सारथी सेन शर्मा, मुख्य सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण।



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