
इंजीनियरों ने किया पुल के नाम पर फर्जीवाड़ा।
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गोंडा में एक पुल की मरम्मत के नाम पर बड़ा खेल सामने आया है। पहले इसका एस्टीमेट गलत ढंग से 42.60 करोड़ रुपये का तैयार किया गया। इसकी जांच चल ही रही थी कि स्थानीय इंजीनियरों ने जिला प्रशासन के मार्फत इसी पुल का 142 करोड़ रुपये का एस्टीमेट राहत आयुक्त को भिजवा दिया। प्रमुख अभियंता, परिकल्प एवं नियोजन अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि इस मामले में गोंडा के मुख्य अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
गोंडा में नवाबगंज-ढेमवाघाट मार्ग पर स्थित सरयू (घाघरा) पुल के क्षतिग्रस्त पहुंच मार्ग पर स्लोप पिचिंग (सुरक्षात्मक कार्य) संबंधी विशेष प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराया गया। इस पुल की लंबाई 1132.80 मीटर है और कुल 42.60 करोड़ रुपये का एस्टीमेट भेजा गया।
इसमें गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर शासन ने मुख्य अभियंता, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को जांच सौंपी। उन्होंने जांच रिपोर्ट में स्लोप पिचिंग समेत लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई के आधार पर प्रस्तावित कामों के निकाले गए रेट पर सवाल उठाए। एस्टीमेट के कुछ प्रावधानों के पुनः परीक्षण की आवश्यकता बताई। यह भी कहा कि इस कार्य में प्रस्तावित बाईपास का निर्माण उचित नहीं मालूम पड़ता है।
हालांकि, मुख्य अभियंता ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं कहा था कि गलत रेट दिखाए जाने से कितनी राशि अधिक बनी, मगर इसे करोड़ों में बताया जा रहा है। अभी शासन इस मामले में आगे की कार्यवाही कर ही रहा था कि इसी पुल के करीब 142 करोड़ रुपये का एक और प्रस्ताव राहत आयुक्त को भेजे जाने से खलबली मच गई।
मुख्य अभियंता सेतु का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि प्रकरण उनकी जानकारी में आ चुका है, हालांकि राहत आयुक्त को भेजे गए एस्टीमेट की कॉपी मुख्यालय को नहीं भेजी गई है।