प्रदेश में रात के अंधेरे में खाद की बिक्री के आंकड़े सामने आए हैं। सर्वाधिक मामले नेपाल बॉर्डर से जुड़े जिलों में मिले हैं। ऐसे में खाद की कालाबाजारी होने की आशंका है। रात बिक्री के आंकड़ों के आधार पर कृषि विभाग ने पूरे प्रदेश में पड़ताल शुरू कर दी है।

प्रदेश में खाद की बिक्री पोइंट आफ सेल (पीओएस) डिवाइस के जरिए की जा रही है। लखीमपुर खीरी में 52, महाराजगंज में 25, पीलीभीत में 57, श्रावस्ती में 52, सिद्धार्थनगर में 57, बहराइच में 29 और बलरामपर में 71 विकेताओं ने रात आठ

बजे बाद खाद की बिक्री दिखाई है। इन आंकड़ों के आधार पर पड़ताल की गई तो पता चला कि कई दुकानदारों ने 50 फीसदी तक खाद की बिक्री रात आठ बजे की है।

320 विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त

विभाग ने रात आठ बजे के बाद बिक्री दिखाने वाले लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, पीलीभीत, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, बहराइच और बलरामपुर के 320 विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं।

अभी इतनी है उपलब्धता

कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश में 9.57 लाख टन यूरिया, 3.77 लाख टन डीएपी और 3.67 लाख टन एनपीके उर्वरक उपलब्ध है। प्रतिदिन औसतन 54,249 टन यूरिया बांटा जा रहा है।



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