
बिजली मीटर की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है।
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प्रदेश में बिजली मीटरों की गति को लेकर उपभोक्ता परेशान हैं। हालत यह है कि पश्चिमांचल में सात हजार मीटर तेज गति से चलते मिले हैं तो पांच हजार मीटर खुद ही बैक गति से चलने वाले पाए गए हैं। इसी तरह 8238 मीटर नो डिस्प्ले हो गए हैं। खास बात यह है कि ये सभी मीटर गारंटी अवधि में हैं। पश्चिमांचल की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पावर कॉरपोरेशन में हलचल मची है।
प्रदेश के सभी विद्युत वितरण निगमों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन इन मीटरों की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठ रहा है। उपभोक्ता इन मीटरों से आ रहे बिजली बिल से परेशान हैं। पिछले दिनों पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में मीटर निर्माता कंपनियां, परीक्षण खंड व स्टोर खंड के अफसरों के साथ हुई बैठक हुई। इसमें निगम की रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि 7167 मीटर जंप कर तेज गति से चलते पाए गए हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को अतिरिक्त बिजली बिल चुकाना पड़ रहा है। इसी तरह 4911 मीटर बैक यानी पीछे भाग रहे हैं। इनमें एक दिन मीटर 500 यूनिट दिखाता है तो अगले दिन घटकर तीन सौ पर आ जाता है। ऐसे में राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसी तरह 8238 मीटर नो डिस्प्ले हो गए हैं।
किस कंपनी के कितने मीटर मिले खराब
पश्चिमांचल में मॉडर्न ट्रांसफार्मर प्राइवेट लिमिटेड के करीब 14696 मीटर गारंटी अवधि में खराब पाए गए हैं। इसमें 6039 मीटर जंप यानी तेज चलने वाले और 3980 मीटर स्वत बैक होने वाले, 3213 नो डिस्पले आरटीसी खराब व अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त पाए गए हैं। इसी तरह कैपिटल पावर के 3017 मीटर खराब मिले, जिसमें 602 मीटर तेज गति वाले, 304 खुद ही बैक होने वाले और 451 नो डिस्पले वाले मिले हैं। जीनस पावर के थ्री फेस व सिंगल फेस के कुल लगभग 3913 मीटर गारंटी समय में ही खराब पाए गए हैं। इसमें 146 मीटर तेज गति, 165 खुद बैक होने वाले और 1721 नो डिस्पले वाले, एचपीएल इलेक्ट्रिक एंड पावर कंपनी के 4902 मीटर खराब पाए गए, जिसमें 254 मीटर तेज गति वाले, करीब 237 मीटर खुद से बैक होने वाले और 1570 नो डिस्पले वाले हैं। एवन मीटर प्राइवेट लिमिटेड लगभग 3048 मीटरों में 124 तेज गति वाले, 214 बैक होने वाले और 836 नो डिस्पले वाले मिले हैं।
घटिया मीटर खरीद का खामियाजा भुगत रहे उपभोक्ता – वर्मा
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया कि घटिया मीटर के जरिए उपभोक्ताओं से अतिरिक्त वसूली हो रही है। कंपनियों के इलेक्ट्रॉनिक मीटर घटिया हैं। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की रिपोर्ट इसका प्रमाण दे रही है। घटिया मीटरों की खरीद का खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है। उन्होंने मांग की कि जिन कंपनियों के मीटर में गड़बड़ी मिली है, उन्हें तत्काल ब्लैक लिस्टेड किया जाए।