UP: 11 deaths in police custody in last five years

Death in Custody (Demo Pic)

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 प्रदेश में बीते पांच वर्षों के दौरान पुलिस हिरासत में 11 लोगों की मृत्यु हुई है। यह जानकारी शुक्रवार को विधान परिषद में सदस्य मान सिंह यादव द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में दी गई। साथ ही, ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए समय-समय पर डीजीपी मुख्यालय द्वारा जारी किए गए आदेशों की जानकारी भी दी गई। इसके अलावा ऐसे मामलों को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का सख्ती से अनुपालन कराया जा रहा है। 

विधान परिषद सदस्य द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि बीते पांच वर्षों में अमेठी में दो और अमरोहा, आगरा, कन्नौज, बुलंदशहर, जौनपुर, सुल्तानपुर, मऊ, फतेहपुर व गोंडा के थाने में एक-एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मृत्यु हुई है। वर्ष 2018 में दो, वर्ष 2019 में दो, वर्ष 2020 में दो, वर्ष 2021 में दो और वर्ष 2022 में ऐसी तीन घटनाएं हुई हैं।

मेरठ में नाबालिगों के बलात्कार और यौन उत्पीड़न का मामला उठा

विधान परिषद में शुक्रवार को मेरठ में नाबालिगों के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न का मामला भी उठा। सपा सदस्य नरेश चंद्र उत्तम द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में बताया गया कि इस प्रकरण में अरविंद गुप्ता और संजीव जैन गोयल उर्फ संजीव सिक्का (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) के विरुद्ध विवेचना जारी है। साथ ही अभियुक्त एडवोकेट रमेश चंद्र गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उनके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है। वहीं, विवेचना में अरविंद गुप्ता और संजीव जैन गोयल उर्फ संजीव सिक्का (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) का नाम प्रकाश में आया है। मेरठ पुलिस ने नाबालिक पीड़िता को बरामद भी कर लिया है।



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