ब्रिटेन में रहने वाले मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उसके खिलाफ एटीएस की जांच के बाद संतकबीरनगर में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें कई वर्षों तक विदेश में रहने वाले शमशुल हुदा द्वारा अल्पसंख्यक विभाग से मदरसा शिक्षक की तनख्वाह लेते रहने समेत तमाम आरोप लगाए गए थे।
बता दें कि शमशुल हुदा खां ब्रिटेन की नागरिकता लेकर लगातार विदेशों में यात्रा करते हुए इस्लाम धर्म का प्रचार करता है। उसके पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में आने-जाने, वहां के लोगों से संपर्क रखने एवं भारत में अपने करीबियों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के संदिग्ध व्यक्तियों से संपर्क तथा अन्य संदिग्ध गतिविधियों की जांच एटीएस से कराई गई थी।
जांच में सामने आया कि शमशुल 12 जुलाई 1984 को मदरसा दारूल उलूम अहले, सुन्नत मदरसा अशरफिया मुबारकपुर आजमगढ़ में सहायक अध्यापक आलिया के पद पर नियुक्त हुआ था। 2007 से ही वह ब्रिटेन में रह रहा था। उसने 19 दिसंबर 2013 को ब्रिटिश नागरिकता हासिल कर ली थी। वर्ष 2007 से 2017 तक बिना उसकी सेवा पुस्तिका की जांच किए प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि प्रदान की गयी और 1 अगस्त 2017 से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान करते हुए पेंशन भी स्वीकृत कर दी गयी।
जांच में यह खुलासा होने के बाद खलीलाबाद कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ उसके मदरसे को भी सील कर दिया गया था। उसके विरुद्ध पूर्व में दो अन्य प्राथमिकी संतकबीरनगर और आजमगढ़ में भी दर्ज हैं।
