
यूपी कांग्रेस के नेता।
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी नई रणनीति के तहत प्रदेश की सियासत में हाथ आजमाने की तैयारी में है। पार्टी सिर्फ लोकसभा चुनाव ही नहीं बल्कि भविष्य की सियासत पर फोकस कर रही है। इसके लिए तीन दिवसीय चिंतन शिविर लगाएगी। यह चित्रकूट, प्रयागराज अथवा अन्य किसी स्थान पर हो सकता है। इसके लिए जगह की तलाश शुरू कर दी गई है।
कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक में बूथ प्रबंधन पर जोर दिया गया है। चिंतन शिविर के जरिए पार्टी हर पदाधिकारी को बदली परिस्थितियों में कांग्रेस की रीति- नीति से वाकिफ कराना चाहती है। साथ ही भविष्य में प्रदेश की सियासत में अपनी भागीदारी बढ़ाने की भी ख्वाहिशमंद है। यह अलग बात है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित पांच राज्यों के चुनाव में उम्मीद के मुताबिक फायदा नहीं दिखा है। फिर भी शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि भाजपा से मुकाबला करने के लिए सामाजिक न्याय की लड़ाई को निरंतर धार देना होगा। ऐसे में पार्टी के पदाधिारियों को हर पहलू के बारे में विशेष प्रशिक्षण देना होगा। इसी रणनीति के तहत पार्टी ने तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित करने की तैयारी शुरू की है।
इसमें प्रदेश कार्यकारिणी के साथ ही फ्रंटल संगठनों के अध्यक्षों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए जगह की तलाश शुरू कर दी गई है। पार्टी की एक टीम लखीमपुर, पीलीभीत और चित्रकूट जाकर संभावित स्थलों को देख चुकी है। इसके बाद यह टीम वाराणसी, प्रयागराज और आगरा जाएगी। फिर शिविर स्थल तय करेगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि शिविर में यूपी में पार्टी का खोया जनाधार वापस लाने के लिए वरिष्ठ नेताओं का मत भी जाना जाएगा। फिर तयशुदा रणनीति के तहत आगे बढ़ा जाएगा। सत्ता की परवाह किए बगैर पार्टी जनता के हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करती रहेगी।