
राम स्तंभ
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राम वनगमन स्थलों को अब एक नई पहचान मिलेगी। यानी वनवान के दौरान राम जिन-जिन मार्गों से गए हैं चिन्हित किया जाएगा। अयोध्या से रामेश्वरम तक के 290 स्थानों को चिन्हित कर वहां श्रीराम स्तंभ लगाने की तैयारी है। इसकी शुरूआत अयोध्या से होगी। पहला श्रीराम स्तंभ रामनगरी की प्राचीन धरोहर मणिपर्वत पर स्थापित किया जाएगा। यह स्तंभ रविवार को अयोध्या पहुंचेगा। गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह स्तंभ राजस्थान से ट्रक पर रवाना हो चुका है। रविवार को वैदिक मंत्रोच्चारों के मध्य पूजन-अर्चन के बाद इसे स्थापित किया जाएगा।
विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि श्रीराम स्तंभ अशोक सिंहल फाउंडेशन द्वारा लगवाया जा रहा है। इसके पीछे उद्देश्य से है कि श्रीराम के चरण जिन-जिन स्थानों पर पड़े हैं, उनको एक नई पहचान मिले और वह पर्यटन का केंद्र बने। श्रीराम स्तंभ का भी अयोध्या धाम पहुंचने पर कारसेकपुरम में पूजन-अर्चन किया जायेगा। उसके बाद स्तंभ को मणिपर्वत के प्रांगण में स्थापित कर ,श्रीराम वन गमन मार्ग पर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
बताया कि कारसेवकपुरम में अशोक सिंहल फांउडेशन, एमटूके व विहिप के संयोजन में नि:शुल्क कृत्रिम अंग वितरण शिविर संचालित है। इसका समापन रविवार को होगा। शनिवार को शिविर का उद्घाटन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य महंत दिनेंद्र दास ने किया। समापन कार्यक्रम में संत-धर्माचार्य, प्रशासनिक अधिकारी सहित राममंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।