गाजीपुर जिले की एक विधवा को बीमा क्लेम पाने के लिए 21 साल तक संघर्ष करना पड़ा। राज्य उपभोक्ता आयोग में उसे न्याय मिला। राज्य उपभोक्ता आयोग ने जिला उपभोक्ता आयोग गाजीपुर के फैसले को निरस्त करते हुए बीमा कंपनी को ब्याज सहित भुगतान करने का आदेश दिया है। रकम दो महीने के भीतर देनी होगी। आयोग के निर्णय ने बीमा कपंनी के खेल को भी उजागर किया है।

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गाजीपुर के खानपुर गोपालपुर गांव की अशरफी देवी के पति पन्ना लाल ने 27 जुलाई 2003 को अपना दुर्घटना बीमा कराया था। इसकी अवधि जुलाई 2018 तक थी। इस बीच 18 फरवरी 2004 की रात बिहारीगंज रेलवे क्रॉसिंग पार करते हुए पन्ना लाल ट्रेन की चपेट में आ गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हादसे के करीब तीन सप्ताह बाद अशरफी को बीमा के बारे में जानकारी हुई। तब वह गोल्डन ट्रस्ट फाइनेंशियल सर्विसेज महमूरगंज वाराणसी के दफ्तर गईं। कंपनी वालों ने कागजी कार्रवाई कराई और बताया कि उन्होंने ये बीमा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी की गाजीपुर शाखा से कराया था। इसलिए उन्होंने सभी दस्तावेज क्लेम के लिए उस कंपनी को दे दिए हैं। तीन साल तक जब कंपनी ने भुगतान नहीं किया तब अशरफी देवी ने जिला उपभोक्ता आयोग गाजीपुर में परिवाद दायर किया।



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