UP: CBI investigation started into fraud in assembly-council recruitments

यूपी विधानसभा

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विधानसभा और विधान परिषद सचिवालय में हुई भर्तियों में फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर सीबीआई, लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने इसकी प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर ली है। जल्द दोनों जगहों पर हुई भर्तियों के दस्तावेज जुटाने के बाद चयनित अभ्यर्थियों को तलब कर पूछताछ करने की तैयारी है।

बता दें कि हाईकोर्ट में इस संबंध में सुशील कुमार व अन्य की तरफ से दाखिल हुई याचिका पर सुनवाई करने के बाद अदालत ने पूरे प्रकरण का स्वत: संज्ञान लेते हुए भर्तियों में धांधली की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था। अदालत ने सीबीआई को आदेश मिलने के छह हफ्ते के बाद अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है, जिसके बाद प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली गयी है। उल्लेखनीय है कि याचिका में वर्ष 2020 में विधान परिषद में हुई भर्तियों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि अदालत ने इसे जनहित से जुड़ा मामला करार देते हुए विधान परिषद के साथ विधान सभा सचिवालय में हुई भर्तियों की जांच भी कराने का आदेश दिया है।

चयन कंपनी पर कसेगा शिकंजा

विधान परिषद सचिवालय में भर्तियां करने के लिए नामित की गयी कंपनी टीएसआर डाटा प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड पर भी सीबीआई शिकंजा कसने जा रही है। उल्लेखनीय है कि कंपनी के एक निदेशक की पत्नी भावना यादव का भी समीक्षा अधिकारी के पद पर चयन हुआ था। कंपनी का संचालक एक पूर्व सभापति का रिश्तेदार बताया जाता है।



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