
यूपी एटीएस
– फोटो : अमर उजाला
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एटीएस की गिरफ्त में आया जम्मू निवासी रिजवान कश्मीर को आजाद कराने और उसका पाकिस्तान में विलय कराने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कई हैंडलरों के संपर्क में था। उनके इशारे पर वह देश में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में भी था। उसे पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से कई लोग मोबाइल पर कॉल करते थे और आतंकियों के वीडियो भेजते थे।
एटीएस की पूछताछ में उसने कबूला है कि सीमा पार से आने वाले आतंकियों के वीडियो से वह खासा प्रभावित होता था। वह अपने कुछ वीडियो और फोटो वापस भेजता था, जिसे सीमा पार के उसके दोस्त एडिट कर उसकी फोटो आतंकियों और मुजाहिदों के साथ जोड़कर वापस भेजते थे। इन फोटो को वह अपने प्रोफाइल पर लगाता था और सोशल मीडिया पर शेयर करता था।
उसके मोबाइल में कई पाकिस्तानी नंबर भी मिले हैं, जिनकी गहनता से पड़ताल की जा रही है। जांच में ये भी सामने आया है कि उसने आतंकी ट्रेनिंग हासिल करने के लिए आतंकी संगठनों से संपर्क भी साधा था। उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कई जेहादी गाने, भारत विरोधी गाने (हिंदी फौजों सुन लो, पाकिस्तान हैं हम…) अपलोड और शेयर किए थे। साथ ही, उसने जिहाद की राह में फिदा होने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहा हूं, जैसी देशविरोधी पोस्ट भी की थी।
उन्नाव में काम करने के बाद गया बिहार
रिजवान ने कुछ दिनों तक उन्नाव की मीट फैक्ट्री में काम किया था, जिसके बाद वह बिहार चला गया था। दो जुलाई को जब एटीएस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाने के बाद गिरफ्तार किया, तब वह बिहार के फारबिसगंज स्थित मरहबा फ्रोजेन फूड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था। वह आतंकियों से प्रभावित होकर देश में शरिया कानून लागू कर इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता था।