हेलो-हेलो… मैं बैंक से बोल रहा हूं। आपके खाते को अपडेट करना है। अगर अपडेट नहीं कराएंगे तो एक घंटे में खाता बंद कर दिया जाएगा। आपको बस घर बैठे खाते की जानकारी और ओटीपी बताना होगा। क्लिक-क्लिक और खाता खाली…। कभी चंबल की पहचान डाकुओं से थी, लेकिन अब साइबर ठगों की ऐसी आवाज सुनाई दे रही है। फिल्म जामताड़ा में झारखंड और पश्चिम बंगाल से की जा रही ठगी की कहानी चंबल के बीहड़ में दोहराई जा रही है।
पिछले दिनों मथुरा के चार गांव देवसेरस, मुड़सेरस, नगला अकातिया और दाैलतपुर में पुलिस ने साइबर अपराधियों की धरपकड़ का अभियान चलाया था। 40 से अधिक को गिरफ्तार किया था। आरोपी आलीशान घरों में रह रहे थे। महंगी गाड़ियां और फोन खरीदकर ऐश ओ आराम की जिंदगी जी रहे थे। एक के बाद एक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
यह सिर्फ मथुरा में ही नहीं है। वर्ष 2020 में पुलिस ने आगरा में अभियान चलाया था। बाह और पिनाहट क्षेत्र के पिढ़ाैरा, जैतपुर के तड़हेता, खेड़ा राठाैर के भगतनपुरा सहित एक दर्जन गांव के युवा बीहड़ में जाकर फोन से लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। फिल्म जामताड़ा की तरह यहां नेटवर्क चल रहा है। पुलिस ने तब 50 से अधिक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एक दर्जन से अधिक के खिलाफ संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई की थी। तत्कालीन आईजी ए सतीश गणेश ने इन गांवों में जागरुकता अभियान चलाया था।
