उनके हाथ में हॉकी और मन में अरमान हैं। अपनी प्रतिभा को निखारने और अरमानों को पूरा करने के लिए यूपी की बेटियां हॉकी मैदान पर पूरे जोश से जुटी हैं। झांसी में चल रही हॉकी इंडिया की पहली नॉर्थ जोन राष्ट्रीय सब जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में भाग लेने आईं उत्तर प्रदेश की बालिका हॉकी टीम की खिलाड़ियों ने एस्ट्रोटर्फ पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। एक मैच में सबसे ज्यादा 14 गोल करने वाली इन बेटियों की आंखों में कई सारे सपने हैं। वे ओलंपिक और विश्वकप तक का सफर तय करना चाहती हैं। अपने परिवार को आर्थिक संबल देना चाहती हैं।



मजदूर पिता को घुमाना है विदेश

यूपी बालिका टीम की कैप्टन मधु अपने मजदूर पिता को विदेश घुमाना चाहती हैं। बनारस की मूल निवासी मधु तीसरी बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं। इससे पहले उनके नेतृत्व में यूपी हॉकी टीम नेशनल में तीसरा स्थान पा चुकी है। मधु के पिता सत्यनारायण मजदूरी करते हैं। वे बताती हैं पिता और भाई से हॉकी खेलने की प्रेरणा मिली है। लखनऊ हॉकी छात्रावास में दाखिला भी मिला। ओलंपिक खेलने का सपना है। इसके लिए पूरी मेहनत कर रही हूं।


रश्मि के गोल को कोई रोक नहीं पाता

यूपी टीम में शामिल रश्मि पटेल में कमाल की प्रतिभा है। झांसी में चल रही चैंपियनशिप में हुए मैच में उन्होंने दो गोल दागकर बेस्ट प्लेयर का खिताब पाया है। पांच साल से हॉकी खेल रही रश्मि पहले भी नेशनल प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हैं। किसान बृजेश पटेल की बेटी रश्मि बताती हैं कि गांव में लड़कों को हॉकी खेलते देख मन में आया कि ये मैं भी कर सकती हूं। आज वे गोरखपुर छात्रावास में हॉकी के गुर सीख रही हैं। यहां उनके खेल में निखार आ रहा है।


झांसी की बेटी ने भी लहराया परचम

महानगर के आवास विकास निवासी रश्मि रायकवार भी हॉकी के जादूगर का मान बढ़ा रही हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता में ही पांच गोल किए हैं। रश्मि बताती हैं कि उनके पिता अशोक रायकवार स्टेडियम में काम करते थे, तो उनमें हॉकी यहीं से खेलने का जज्बा जगा। आज पिता टेलरिंग करते हैं। पिता का प्रोत्साहन मिला तो उनका चयन गोरखपुर छात्रावास में हो गया। रश्मि यूपी टीम से अपने ही शहर में नेशनल खेलने आई हैं, लेकिन खेल का जुनून ऐसा कि अब तक घर नहीं जा सकी हैं।


मैं इतना कर लूं कि मां को सिलाई न करनी पड़े

बनारस की रहने वाली जागृति यादव पहला नेशनल टूर्नामेंट खेल रही हैं। प्रतियोगिता में हुए मैच में उन्होंने अपना बेहतर प्रदर्शन किया है। जागृति यूपी टीम में ऐसी खिलाड़ी हैं, जिनका चयन मंडल की टीम से हुआ है। वे बनारस में ही स्टेडियम में प्रशिक्षण लेती हैं। जागृति की मां प्रमिला देवी सिलाई करती हैं। वे कहती हैं कि मैं परिवार का नाम रोशन करना चाहती हूं। ओलंपिक खेलने का ख्वाब है। मैं इतना करना चाहती हूं कि मां को सिलाई न करनी पड़े।

अभी तो शुरुआत है, बहुत आगे जाना है

रायबरेली से आईं रीति सोनी अपनी पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता खेल रही हैं। वे कहती हैं कि दो साल से खेल रही हूं। गोरखपुर हॉकी छात्रावास में प्रशिक्षण भी ले रही हूं। पहली बार नेशनल में भाग लेकर अच्छा लग रहा है। सीनियर खिलाड़ियों से काफी कुछ सीखने को मिला है। विश्वकप तक का सफर करना है।




Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *