
कांग्रेस और सपा के मिलकर चुनाव लड़ने की बात चल रही है।
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विपक्षी गठबंधन इंडिया में भले कांग्रेस और सपा साथ-साथ नजर आ रही है, लेकिन प्रदेश की सियासत में इनकी राहें अलग- अलग दिख रही हैं। सपा के तमाम नेता कांग्रेस की ओर रूख कर रहे हैं। इतना ही नहीं वे सपा सरकार में दलितों एवं पिछड़ों की अनदेखी के मुद्दे को गरमा भी रहे हैं। फिलहाल मंगलवार को प्रसपा- सपा के कई नेता कांग्रेस का हाथ पकड़ने जा रहे हैं।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के बाद प्रसपा का सपा में विलय हो गया। उम्मीद थी कि दोनों पार्टियों के नेता एकजुट होकर प्रदेश की सियासत में अपनी ताकत का अहसास कराएंगे, लेकिन हालात बदलते नजर आ रहे हैं। दो माह के अंदर सपा- प्रसपा के के कई दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। सपा के संस्थापक सदस्य सीपी राय कांग्रेस में पहुंचे और प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल ली है। पूर्व विधायक राकेश राठौर, सपा के राष्ट्रीय सचिव नवाब अली अकबर भी कांग्रेस में चले गए। भदोही में सपा के टिकट पर नगर पालिका का चुनाव लड़ चुके हसनैन अंसारी रोते हुए कांग्रेस के मंच पर पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने उन्हें तिरंगा भेंट कर कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।