Muzaffarnagar ।उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर देर रात बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 14 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। इस फेरबदल की सबसे चर्चित खबर यह रही कि इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार को अब मुजफ्फरनगर की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि मौजूदा एसएसपी अभिषेक सिंह को प्रमोशन देते हुए सहारनपुर परिक्षेत्र का डीआईजी बना दिया गया है।

पुलिस विभाग के इस बड़े बदलाव ने न सिर्फ स्थानीय पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी इस बदलाव को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

संजय कुमार की नियुक्ति से उम्मीदें और चुनौतियाँ

संजय कुमार, जिन्होंने इटावा में कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू कर अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए थे, अब मुजफ्फरनगर जैसे संवेदनशील ज़िले में एसएसपी की भूमिका निभाएंगे। मुजफ्फरनगर, जो पूर्व में सांप्रदायिक तनाव और गैंगवार जैसी घटनाओं के लिए सुर्खियों में रहा है, वहाँ संजय कुमार के अनुभव और उनकी छवि से जनता को काफ़ी उम्मीदें हैं।

संजय कुमार को अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख और टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करने के लिए जाना जाता है। अब देखना यह होगा कि वह मुजफ्फरनगर में बढ़ते साइबर क्राइम, ड्रग्स रैकेट और गैंगस्टर गतिविधियों पर कैसे लगाम लगाते हैं।

अभिषेक सिंह को बड़ी जिम्मेदारी, सहारनपुर के DIG बने

पूर्व एसएसपी अभिषेक सिंह को प्रमोशन देते हुए सहारनपुर रेंज का नया डीआईजी बनाया गया है। अभिषेक सिंह को कुशल प्रबंधन और उत्कृष्ट खुफिया कार्यशैली के लिए जाना जाता है। उनके कार्यकाल में मुजफ्फरनगर में अपराध ग्राफ में गिरावट देखी गई थी और सामुदायिक पुलिसिंग को नए आयाम मिले थे।

सहारनपुर जैसे बहु-संवेदनशील ज़िले में डीआईजी का कार्यभार संभालना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा, खासकर जब वहां पर जातीय और सांप्रदायिक संतुलन बनाए रखना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है।

14 आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर, पूरे प्रदेश में नई नियुक्तियाँ

इस बार का आईपीएस ट्रांसफर लिस्ट सिर्फ मुजफ्फरनगर या सहारनपुर तक सीमित नहीं रहा। प्रदेश के कई बड़े जिलों में भी अहम पदस्थापनाएं की गई हैं।

  • अजय कुमार साहनी, डीआईजी सहारनपुर से स्थानांतरित होकर डीआईजी बरेली बनाए गए।

  • मोहित गुप्ता को आईजी वाराणसी से हटाकर सचिव, गृह विभाग, लखनऊ में नियुक्त किया गया।

  • वैभव कृष्णा को महाकुंभ मेला, प्रयागराज से हटाकर डीआईजी वाराणसी परिक्षेत्र भेजा गया।

  • डॉ. गौरव ग्रोवर अब अयोध्या से स्थानांतरित होकर गोरखपुर के एसएसपी होंगे।

  • राजकरण नैय्यर अब गोरखपुर से अयोध्या में बतौर एसएसपी सेवाएं देंगे।

इन ट्रांसफरों को लोकसभा चुनाव 2024 के परिप्रेक्ष्य में भी देखा जा रहा है, जहां राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जिलों में अनुभवी और भरोसेमंद अफसरों को तैनात किया जा रहा है।

पुलिस महकमे में नए चेहरों से नई उम्मीदें

फतेहपुर, कौशाम्बी, गाजियाबाद, संतकबीरनगर, और कानपुर जैसे जनपदों में भी नए एसपी और पुलिस उपायुक्तों की नियुक्तियाँ हुई हैं।

  • अनूप कुमार सिंह को पीएसी लखनऊ से एसपी फतेहपुर बनाया गया।

  • बृजेश कुमार श्रीवास्तव अब इटावा के नए एसएसपी होंगे।

  • राजेश कुमार द्वितीय को कौशाम्बी का नया एसपी बनाया गया।

  • धवल जायसवाल गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में उपायुक्त के रूप में नियुक्त हुए।

  • सत्यजीत गुप्ता को कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में उपायुक्त बनाया गया।

  • संदीप मीना अब एसपी संतकबीरनगर होंगे।

  • लक्ष्मीनिवास मिश्र को एसपी रेलवे गोरखपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई।

रणनीतिक पोस्टिंग या रूटीन फेरबदल?

हालांकि राज्य सरकार ने इसे नियमित प्रक्रिया बताया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इन तबादलों के पीछे भविष्य की रणनीति और जिला-स्तरीय राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने की सोच भी छिपी है। ख़ासकर सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, अयोध्या और गोरखपुर जैसे जिलों की सुरक्षा-व्यवस्था लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पुनः मज़बूत की जा रही है।

जनता की उम्मीदें और पुलिस की जिम्मेदारियाँ

इन तबादलों से प्रदेश की कानून व्यवस्था में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। जनता को उम्मीद है कि नई तैनातियां सिर्फ काग़ज़ी नहीं होंगी, बल्कि ज़मीनी हकीकत में भी सुधार देखने को मिलेगा।

संजय कुमार और अभिषेक सिंह जैसे अधिकारियों से जहां एक ओर अपराधियों में खौफ पैदा होने की संभावना है, वहीं दूसरी ओर ईमानदार अफसरों से जनता का भरोसा भी मज़बूत होता है।

पुलिस महकमे में ऐसे बदलाव हमेशा से ही चर्चा का विषय रहे हैं और इनका असर सिर्फ अधिकारियों तक सीमित नहीं होता, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र पर गहरा प्रभाव डालता है।



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