सहारनपुर के सोना सैयद माजरा गांव के पास हुए हादसे से मोहद्दीपुर गांव में भी दुखों का पहाड़ टूट गया। एक तरफ मोहद्दीपुर में ऋषिपाल सैनी का अंतिम संस्कार किया गया तो दूसरी तरफ उनकी बहन, भांजे और भांजी समेत सात लोगों की जान चली गई। आनन-फानन अंतिम संस्कार कर सभी सोना सैयद माजरा गांव की तरफ दौड़ पड़े।
मोहद्दीपुर निवासी 62 वर्षीय ऋषिपाल सैनी का बृहस्पतिवार निधन हो गया था। परिजनों ने सभी रिश्तेदारों को सूचना दी थी कि शुक्रवार सुबह 11 बजे गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। संदीप अपने मामा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए परिवार के साथ वहां जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही पूरा परिवार खत्म हो गया।
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एक्सप्रेसवे पर हादसे के बाद कार पर पलटा पड़ा बजरी से भरा डंपर और क्षतिग्रस्त कार
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
मोहद्दीपुर में सभी इंतजार कर रहे थे कि ऋषिपाल की बहन, भांजे और भांजी आएंगे तो अंतिम संस्कार के लिए चलेंगे। करीब 10 बजे मोहद्दीपुर में एक रिश्तेदार के फोन की घंटी बजी।
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एक्सप्रेसवे पर हादसे के बाद कार पर पलटा पड़ा बजरी से भरा डंपर और क्षतिग्रस्त कार
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पता चला कि बहन और भांजे संदीप समेत सात लोगों की हादसे में मौत हो गई। हादसे की खबर गांव में पहुंचते ही मातम का माहौल हो गया। अंतिम संस्कार कर रहे लोगों में भी अफरा-तफरी मच गई और ज्यादातर लोग तुरंत सोना सैयद माजरा की ओर घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। मृतक ऋषिपाल सैनी अपने पीछे तीन शादीशुदा बेटियों और एक बेटे को छोड़ गए हैं।
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हादसे के बाद एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा से लाठी फटकार कर जाम खुलवाती पुलिस
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विपिन को मौत खींच लाई थी सैयद माजरा
गांव दौलतपुर निवासी 22 वर्षीय विपिन भी इस हादसे का शिकार हुआ। बृहस्पतिवार को सहारनपुर अस्पताल में भर्ती अपने मामा ऋषिपाल को देखने गया था। मामा की मौत के बाद विपिन अपने मौसी के लड़के संदीप के साथ उसके घर सोना सैयद माजरा चला गया था। शुक्रवार सुबह मौसी के परिवार के साथ कार से आ रहा था। इसी दौरान यह हादसा हो गया। विपिन की अभी तक शादी नहीं हुई थी।
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हादसे के बाद एक्सप्रेसवे जाम करने को खड़ी की गई जेसीबी मशीन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
उसका का एक बड़ा भाई है। उसकी भी अभी तक शादी नहीं हुई है। विपिन के पिता की करीब आठ वर्ष पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। घर की पूरी जिम्मेदारी विपिन तथा उसके भाई के ऊपर थी। विपिन घर पर खेती बाड़ी के काम में हाथ बंटाता था। विपिन की मौत के बाद गांव में सन्नाटा छाया हुआ है।