Police tried to stop the protest of women employees of UP dial 112.

महिलाकर्मियों को घसीटकर ले जाती पुलिस व इस दौरान खींचतान में बेहोश हुई युवती व दर्द से बेहाल गर्भवती
– फोटो : अमर उजाला



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वेतन बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर डायल-112 मुख्यालय पर धरना दे रहीं संवाद अधिकारियों को हटाने के लिए पुलिस मानवता भूल गई। रात में न सिर्फ उन्हें पानी लेने से रोक दिया, बल्कि उनके वॉशरूम पर ताला भी लगा दिया। इसके बाद भी वे पूरी रात डटी रहीं और मंगलवार सुबह अपनी फरियाद लेकर सीएम आवास कूच किया। इस दौरान उन्हें रोकने पर पुलिस से तीखी झड़प हुई। करीब दो घंटे तक चली धक्कामुक्की और नोकझोंक के बाद पुलिस ने संवाद अधिकारियों को सड़क पर घसीट कर बसों में लादकर ईको गार्डेन भेज दिया। पुलिस के बल प्रयोग करने से एक महिलाकर्मी बेहोश हो गई। वहीं, एक गर्भवती की हालत बिगड़ गई, जबकि कई महिलाओं के चोटिल होने का भी आरोप लगा।

यूपी डायल-112 मुख्यालय में आउटसोर्स से तैनात संवाद अधिकारी वेतन बढ़ाने, सेंटर संचालन का टेंडर पाने वाली नई सेवा प्रदाता कंपनी से नियुक्ति पत्र दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यालय के बाहर सोमवार दोपहर दो बजे से धरना दे रही थीं। धरने में शामिल संवाद अधिकारी दिव्या ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने धरने को खत्म कराने के लिए रात में उन्हें पानी लेने से रोक दिया और वॉशरूम भी बंद करवा दिया। सुबह अपनी फरियाद लेकर मुख्यमंत्री आवास जा रहीं संवाद अधिकारियों को पुलिस ने रजमन बाजार चौकी के पास रोक लिया।

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इस दौरान प्रदर्शनकारियों व पुलिस में नोकझोंक और धक्कामुक्की शुरू हो गई। इस पर संवाद अधिकारी सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगीं। करीब दो घंटे तक प्रदर्शन के बाद पुलिस ने महिलाकर्मियों को जबरन बसों में लादना शुरू कर दिया। कई महिलाओं को सड़क पर घसीट कर बस में लादा। आयुषी पांडेय ने बताया कि इस दौरान संवाद अधिकारी आकांक्षा बेहोश हो गई। दिव्या का आरोप है कि पुलिस ने मारपीट भी की, जिसमें कई महिलाएं चोटिल भी हुई हैं।

दो प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया

संवाद अधिकारी दिव्या ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बल प्रयोग के बीच संवाद अधिकारी ज्योति और सूर्या को हिरासत में ले लिया था। दोनों को शाम तक नहीं छोड़ा। उन्हें पुलिस ने कहां पर रखा है, इसकी भी जानकारी नहीं है। उधर, सपा नेत्री पूजा शुक्ला, प्रवक्ता जूही सिंह, महिला सभा की उपाध्यक्ष नेहा यादव ने ईको गार्डेन पहुंच कर डायल-112 की संवाद अधिकारियों के धरने को समर्थन दिया। उन्होंने न्याय की लड़ाई में महिला कर्मियों का साथ देने का आश्वासन दिया और शाम तक धरने में शामिल रहीं। इस दौरान संवाद अधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रेषित ज्ञापन पूजा शुक्ला को सौंपा। ज्ञापन में पूर्व मुख्यमंत्री से न्याय दिलवाने का अनुरोध किया।

खींचातानी में गर्भवती के पेट में लगी चोट

बस में जबरन बैठाए जाने व खींचातानी के दौरान पेट में चोट लगने से गर्भवती संवाद अधिकारी सपना की हालत बिगड़ गई। वह दर्द से चीखने लगीं। इस पर साथियों ने उन्हें पानी पिलाकर संभालने की कोशिश की। सपना ने आरोप लगाया कि पुलिस को उनकी स्थिति की जानकारी थी, इसके बाद भी उनके साथ धक्कामुक्की की गई।

सात साल में एक रुपया भी नहीं बढ़ा वेतन

शशि सिंह, पूजा सिंह, हर्षिता, प्रतिभा मिश्रा, अंकिता मिश्रा, दीप शिखा वर्मा आदि ने बताया कि डायल-112 में करीब 300 महिला कर्मचारी तैनात हैं। इनको अभी 11800 रुपये वेतन मिल रहा है। बीते सात साल में वेतन में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गई। वहीं, अब टेक महिंद्रा कंपनी को बदल कर वी विन कंपनी को टेंडर दिया गया है। तीन नवंबर को वी विन कंपनी ने टेकओवर कर लिया, लेकिन अभी तक पुराने कर्मचारियों को ऑफर लेटर तक नहीं दिया, जबकि नई भर्ती शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि वेतन बढ़ा कर 18 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। जॉब को सुरक्षित किया आए और धरने को लेकर भविष्य में टारगेट न किया जाए।



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