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प्रदेश की सड़कों के रखरखाव, चौड़ीकरण और निर्माण के लिए 5500 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी गई। लोक निर्माण मंत्री व उत्तर प्रदेश राज्य सड़क निधि प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जितिन प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में सड़कों को बेहतर करने संबंधी कई निर्देश भी दिए गए।
सोमवार को पीडब्लूडी मुख्यालय में आयोजित बैठक में लोक निर्माण मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस वर्ष स्मार्ट सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाए, जिसमें सारी सुविधायें अंडरग्राउंड डक्ट के माध्यम से दी जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि एक्सप्रेस वे को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों को आवश्यकता अनुसार चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण को प्राथमिकता दें। ताकि सम्बंधित क्षेत्र के लोगों को एक्सप्रेस वे का अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 3054 मदों में सड़कों के अनुरक्षण के लिए 3000 करोड़ रुपये की बजटीय व्यवस्था अनुमोदन किया गया। इसमें पूर्व स्वीकृत कार्यों के लिए 2000 करोड़, विभिन्न श्रेणी के मार्गों की सामान्य मरम्मत व नवीनीकरण के लिए 600 करोड़ और मार्गों की विशेष मरम्मत व पुल-पुलियों के पुनः निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा राज्य सड़क निधि के अंतर्गत 5054 मदों में सड़कों के निर्माण, पुनर्निर्माण, चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए 2500 करोड़ की बजटीय व्यवस्था का अनुमोदन किया गया। इसके अनुसार पूर्व स्वीकृत चालू कार्यों के लिए 1000 करोड़ रुपये जबकि मार्गों के निर्माण,पुनर्निर्माण,चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के के लिए 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि निर्धारित गाइडलाइन व नई तकनीकी के माध्यम वाले काम को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि ग्रामीण सड़कों के रखरखाव, नवीनीकरण व चौड़ीकरण पर विशेष रूप से फोकस करें। गुणवत्ता को लेकर कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। गुणवत्ता की जांच के लिए सड़कों का औचक निरीक्षण कराने और लापरवाही मिलने पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग अजय चौहान, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, सांसद अनुराग शर्मा, विधायक मानवेन्द्र सिंह, मनीष जायसवाल सहित तमाम विभागों के अधिकारी थे।